लॉकडाउन में लाखों लोग दो वक्त की रोटी को तरसे, लेकिन अंबानी की Jio पर 8 हफ्तों में 1.4 लाख करोड़ बरसे
विडंबना देखिए, एक तरफ आदमी रोटी रोजगार को तरस रहा है और दूसरी तरफ देश के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी की कंपनी जिओ पर धन बरस रहा है. पिछले 8 हफ्तों में अंबानी की जिओ में एक लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश आया है. याकड़ा यह बताने के लिए काफी है की लॉकडाउन अंबानी के कितने काम आया है.
मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) की डिजिटल इकाई जियो प्लेटफॉर्म (Reliance Jio) में 6,441.3 करोड़ रुपये में 1.32 फीसदी हिस्सेदारी टीपीजी और एल कैटरटॉन को बेची है. इसके साथ ही जियो ने बीते करीब 8 हफ्ते में 10 निवेशकों के जरिए कुल 1,04,326.9 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं. इन नंबरों को देखकर आपको हैरत नहीं होनी चाहिए क्योंकि मोदी सरकार में पहले भी अंबानी और ने जमकर नोट चीरे हैं.
जिओ को कहां से आया कितना निवेश?
कंपनी | तारीख | हिस्सेदारी (% में) | निवेश (करोड़ रुपये में) |
फेसबुक | 22 अप्रैल | 9.99 | 43,574 |
सिल्वर लेक | 3 मई | 1.15 | 5,665.75 |
विस्टा इक्विटी पार्टनर्स | 8 मई | 2.32 | 11,367 |
जनरल अटलांटिक | 17 मई | 1.34 | 6,598.38 |
केकेआर | 22 मई | 2.32 | 11,367 |
मुबाडला | 5 जून | 1.85 | 9,093.60 |
सिल्वरलेक | 5 जून | 0.93 | 4,546.80 |
अबु धाबी निवेश प्राधिकरण | 7 जून | 1.16 | 5,683.50 |
टीपीजी | 13 जून | 0.93 | 4,546.80 |
एल कैटरटॉन | 13 जून | 0.39 | 1,894.50 |
दिसंबर तक कर्ज मुक्त हो जाएगी रिलायंस!
रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड, जिसके पास 38.8 करोड़ मोबाइल ग्राहक हैं. वह जियो प्लेटफार्म्स की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी बनी रहेगी. भारत के सबसे अमीर कारोबारी मुकेश अंबानी (63) ने अपनी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज को मार्च 2021 से पहले कर्जमुक्त बनाने का पिछले साल अगस्त में लक्ष्य तय किया था. जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश के इन सौदों तथा 53,125 करोड़ रुपये के राइट इश्यू के कारण अंबानी का लक्ष्य समय से काफी पहले ही पूरा होता दिख रहा है.
क्या बोले मुकेश अंबानी
इस डील पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के सीएमडी मुकेश अंबानी ने कहा, “आज एक महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में टीपीजी का स्वागत करते हुए मुझे खुशी हो रही है. यह एक डिजिटल इकोसिस्टम के माध्यम से भारतीयों के जीवन को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के हमारे निरंतर प्रयासों के हमसफर होंगे. हम टीपीजी के वैश्विक प्रौद्योगिकी व्यवसायों में निवेश के ट्रैक रिकॉर्ड से प्रभावित हैं, जो सैकड़ों करोड़ उपभोक्ताओं और छोटे व्यवसायों के साथ काम करते हैं, और बेहतर समाज बना रहे हैं.”
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