कोरोना वायरस, प्रशासन और एक मजदूर की लाश
‘ मेरे पति मुंबई से पैदल चलकर घर आए थे. लेकिन उन्हें बंद कर लिया गया. उनके मरने के बाद उन्हें देखने भी नहीं दिया गया. मेरे पति को कोरोना नहीं था.’
सलमा बेगम अपने पति इंसाफ अली की मौत के बारे में बताते हुए फफक फफक कर रोने लगती हैं. सलमा के पति इंसाफ अली मुंबई में नौकरी करते थे. लॉक डाउन होने के बात वो 1500 किलोमीटर पैदल चलकर अपने जिले श्रावस्ती पहुंचे थे. लेकिन यहां पहुंचते ही उन्हें क्वारेंटेन कर दिया गया जहां उनकी मौत हो गई. मौत के बात आई रिपोर्ट में इंसाफ अली वायरस से संक्रमित नहीं निकले.
इंसाफ अली करीब 14 दिन पहले करीब 5000 रुपए लेकर मुंबई से चले थे. सोमवार सुबह ही वो अपने गांव मट खनवा पहुंचे थे. लेकिन दोपहर को उनकी मौत हो गई. मरने के बाद इंसाफ अली की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है. इंसाफ की की पत्नी सलमा बताती हैं कि मोबाइल की बैटरी खत्म होने से पहले उन्होंने बताया था कि खाने के लिए बाद बिस्किट बचे हैं.
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इंसाफ की मौत के बाद सलमा को अपने पति कि लाश भी देखने को नहीं मिली. सलमा तक अपने पिता के घर थी जब उन्हें पता चला की इंसाफ कि मौत हो गई है. जब तक हो घर पहुंचती संक्रमित होने के संदेह के चलते इंसाफ का अंतिम संस्कार किया जा चुका था. ये बात और है कि मरने के बाद इंसाफ संक्रमित नहीं पाए गए उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है.
इंसाफ का एक 6 साल का लड़का है और उनके दो भाई भी हैं जो पंजाब में काम करते हैं. सलमा बताती हैं की उनके पास खाने का सामान नहीं है और गांव वाले भी उन्हें हिकारत की नजर से देख रहे हैं. सलमा का कहना है कि अली 13 अप्रैल को मुंबई से निकले थे. उनके पास पैसे नहीं थे क्यूंकि उन्होंने हफ्तों से काम नहीं किया था. अब अली के परिवार की परेशानी ये है उन्हें भी गांव के स्कूल में रहने के लिए कहा गया है.
श्रावस्ती के एसपी अनूप कुमार सिंह ने कहा है कि अली सोमवार को आया था और वो गांव के कुरेंटाइन सेंटर में रुका था जहां सुबह नस्ता करने के बाद उसकी मौत हो गई. उनके मुताबिक अली का कोविड 19 टेस्ट की रिपोर्ट आने तक उसकी लाश को एहतियातन अलग रखा था. लेकिन अब रिपोर्ट आने के बाद ये बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि अली के मौत कैसे हुई. क्या भूख कि वजह से अली की मौत हुई.