कोरोना संकट: RBI ने लिया ऐसा फैसला जिससे किसानों को मिलेगी बड़ी राहत
भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन के चलते किसानों के लिए लागू की गई ब्याज सहायता योजना को 31 मई तक बढ़ा दिया है.
देश में कोरोना संकट के चलते लॉकडाउन है और ऐसे में किसानों को राहत देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने दो फीसदी की ब्याज सहायता योजना और कर्ज के समय पर भुगतान के लिए तीन फीसदी ब्याज प्रोत्साहन को 31 मई 2020 तक बढ़ा दिया है. इस फैसले से किसानों को बड़ी राहत मिलेगी. रिजर्व बैंक ने मंगलवार को अधिसूचना जारी कर बैंकों को किसानों को फसल ऋण पर ब्याज सहायता योजना (IS) और त्वरित भुगतान प्रोत्साहन (PRI) अवधि को बढ़ाने का निर्देश जारी किया.
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RBI ने अपनी अधिसूचना में कहा गया है कि ‘कोविड-19 की वजह से लागू राष्ट्रव्यापी बंद की वजह से लोगों की आवाजाही पर पाबंदियां हैं. इस वजह से किसान अपने लघु अवधि के फसल ऋण के बकाये का भुगतान करने के लिए बैंक शाखाओं तक नहीं जा पा रहे हैं.’ इतना ही नहीं केंद्रीय बैंक ने सभी तरह के कर्जों की किस्त भुगतान पर रोक लगा दी है. इस फैसले से लाखों लोगों के ऊपर समय पर कर्ज की किस्त न चुकाने के प्रेशर से राहत मिलेगी.
सभी ऋणों की किस्त के भुगतान पर रोक
रिजर्व बैंक (RBI) के 27 मार्च, 2020 के सर्कुलर के मुताबिक 1 मार्च 2020 से 31 मई 2020 तक तीन महीने के लिए लघु अवधि के फसल ऋण के साथ सभी ऋणों की किस्त के भुगतान पर 3 महीने की रोक रहेगी. इसमें कहा गया है कि इसी के मुताबिक किसानों को ब्याज भुगतान में जुर्माने से बचाने और उन्हें ब्याज सहायता योजना का लाभ जारी रखने के लिए सरकार ने दो फीसदी ब्याज सहायता और ऋण के समय पर भुगतान के लिए ब्याज में मिलने वाली तीन फीसदी प्रोत्साहन को 31 मई 2020 तक जारी रखने का फैसला किया है. यहां आपको ये भी जान लेना चाहिए कि इस फैसले से 3 लाख रुपये तक के लघु अवधि के फसल ऋण लेने वालों को राहत मिलेगी.
किसानों को तीन लाख रुपये का लघु अवधि का फसल ऋण सात फीसदी सालाना ब्याज पर दिया जाता है. इसमें से दो फीसदी सरकार सालाना आधार पर बैंकों को ब्याज सहायता के रूप में देती है. वहीं, समय पर ऋण का भुगतान करने वाले किसानों को ब्याज में अतिरिक्त तीन फीसदी प्रोत्साहन के तौर पर छूट दी जाती है. ऐसे किसानों के लिए प्रभावी ब्याज दर चार फीसदी होती है. यहां ये देखना भी अहम होगा कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद किसानों को और किस तरह की राहत दी जाती है.