विश्व में शांति के लिए मोदी के पास है ‘ट्रंप’ कार्ड: डॉ जगदीश गांधी
अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में मोदी और ट्रंप एक दूसरे का हाथ थामकर दुनिया को अपने दोस्ती दिखाएंगे. मोटेरा सज गया है और ट्रंप के स्वागत के लिए तैयार है. लेकिन ऐसे समय में अमेरिका और भारत के राष्ट्राध्यक्ष दुनिया में शांति के लिए आगे बढ़ सकते हैं. कैसे ये बता रहे हैं सीएमएस के संस्थापक डॉ जगदीश गांधी.
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज चुके सीएमएस के संस्थापक दुनिया में शांति लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने वर्ल्ड पार्लियामेेंट की शुरुआत की है. उनका का कहना है कि देश और दुनिया में शांति लाने के लिए सभी को एक साथ आना होगा और यूएन की तर्ज पर वर्ल्ड पार्लियामेंट की शुरुआत करना चाहिए. उन्होंने ट्रंप की भारत यात्रा से पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रंप से अपील की है कि वो शांति के लिए कदम बढ़ाएं.
सिटी मोन्टेसरी स्कूल ने मानवता को पूर्ण विनाश से बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अेमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से विश्व संसद के गठन के बारे में परामर्श करने की अपील की है. दुनिया की 7.5 अरब आबादी जिसमें 2.5 अरब बच्चे शामिल हैं इन्हें अगर ये दोनों राष्ट्रध्यक्ष मिलकर शांति की सौगात देते हैं तो ये एक बड़ी कामयाबी होगी.
सीएमएस के संस्थापक डॉक्टर जगदीश गांधी का मानना है कि विश्व संसद के गठन से दुनिया में ना सिर्फ आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और सामूहित विनाश से लड़ने में मदद मिलेगी. उनका कहना है कि विश्व संसद यूरोपीय संसद की तरह होनी चाहिए. जिस तरह से 27 यूरोपीय देशों का एक संगठन है उसी तरह दुनिया के सभी देशों को एक साथ आना चाहिए.
डॉ जगदीश गांधी अपनी बात को और पुख्ता करते हुए नेहरू, विस्टन चर्चिल और अटल बिहारी वाजपेई को कोट करते हुए कहते हैं कि ये सभी विश्व संसद के पक्षधर थे. उन्होंने ट्रंप और मोदी की मुलाकात से पहले दोनों नेताओं को उनके पुराने बयान याद दिलाए हैं जिसमें उन्होंने विश्व में शांति और विश्व संसद का जिक्र किया है.
डॉ गांधी कहते हैं कि ट्रंप ने अपने राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार के दौरान 15 दिसम्बर 2015 को लास वेगास में अमेरिकियों से वादा किया था कि ‘ मुझे लगता है कि मैं दुनिया में एकता लाने जा रहा हूं. यही मैं करता हूं. मैं शातिं लाता हूं और मैं एकता लाता हूं.’ इसी तरह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कई बार ‘वसुघैव कुटुम्बकम’ की बात सार्वजनिक मंचों पर कर चुके हैं. और उन्हें अपने वादे याद करते चाहिए.
विश्व संसद के लिए डॉ गांधी लंबे समय से प्रयासरत हैं और वो कोशिश कर रहे हैं कि दुनिया में शांति आए. उन्होंने दुनिया भर के जजों को विश्व संसद के लिए एक मंच पर लाने का काम किया है. वो लगातार नई पीढ़ी को एकता का पाठ पढ़ा रहे हैं और उनके स्कूलों में 56 हजार से ज्यादा बच्चे जय जगत की शिक्षा हासिल कर रहे हैं.