ऑटो सेक्टर में 10 लाख नौकरियों को खतरा, प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार को घेरा

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ऑटो सेक्टर में काम करने वालों के लिए एक बुरी खबर है. इस सेक्टर में काम करने वाले कामगारों पर नौकरी का खतरा मंडरा रहा है. एनएसओ कि ताजा रिपोर्ट के मुताबिक ऑटो सेक्टर में नौकरियों घटी हैं लेकिन 1.5 लाख नौकरीपेशा वाले लोग बढ़े हैं.

सरकारी डेटा कह रहा है कि मोदी सरकार में एक ही महीने में करीब 1.5 लाख लोग नौकरीपेशा से जुड़े हैं. वहीं एक रिपोर्ट ये भी कह रही है कि ऑटो सेक्टर में काम करने वाले 10 लाख लोगों का रोजगार जा सकता है. दरअसल, गुरुवार (25 जुलाई, 2019) को एंप्लाई स्टेट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (ईएसआईसी) पेरोल डेटा सामने आया है, जिसके मुताबिक मई में 12.66 लाख नौकरियां पैदा हुई, जबकि इसी साल अप्रैल में 11.15 लाख नौकरियों का सृजन हुआ था. इस आंकड़े के मुताबिक एक महीने में 1.51 लाख नौकरियों की बढ़ोतरी हुई है.

नौकरियां बढ़ी या घटीं?

सितंबर 2017 से मार्च 2018 ईएसआईसी के बीच ईएसआईसी के साथ कुल 83.32 लाख नए ग्राहक जुड़े. इसके अलावा रिपोर्ट रिपोर्ट ये भी बताती है कि मई में ईपीएफओ के साथ कुल 9.86 लाख नए नामांकन हुए, जो कि पिछले महीने से कुछ कम है. यह आंकड़ा इस साल अप्रैल में 10.15 लाख था. ये आकंड़ा ऐसे वक्त में आया है जब ऑटो सेक्टर में घटती नौकरियों और 10 लाख नौकरियों को खतरा बताया जा रहा है. इसको लेकर प्रियंका गांधी ने ट्वीट करके मोदी सरकार पर निशाना साधा है.

दरअसल, ऑटो इंडस्ट्री बीते कुछ वक्त से मंदी झेल रही है, जिससे वहां नौकरियों का संकट पैदा हो सकता है. हालांकि, इस खतरे से बचने के लिए ऑटो पार्ट्स बनाने वाली कंपनियों के संगठन ऑटोमोबाइल कंपोनेंट मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन (एक्मा) ने एक होने का निर्णय लिया है. ऑटो सेक्टर में नौकरियां बचाने के लिए प्रयास शुरु हो गए हैं. अगर इस पूरे सेक्टर के लिए जीएसटी की दर घटाई जाती है तो रोजगार बच सकते हैं.

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