1817 दिनों बाद पीएम की प्रेस कॉन्फ्रैंस मोदी की भाव-भंगिमाओं के लिए याद की जाएगी
पांच साल में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रैंस की तो लोगों को उम्मीद थी कि वो कुछ बोलेंगे. पत्रकारों के सवालों का जवाब देंगे. लेकिन प्रेस कॉन्फैंस में मोदी ने सिर्फ अपने मन की बात कही और फिर जब पत्रकारों ने सवाल पूछे तो ये कहते हुए बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह की ओर इशारा कर दिया कि जवाब वो देंगे.
जिस प्रेस कॉन्फैंस को 1 हजार 8 सौ 17 दिनों से इंतजार था जब वो हुई तो पीएम मोदी सिर्फ भाव ही बदलते रहे सवाल का जवाब नहीं दिया. करीब एक घंटे से ज्यादा चली प्रेस कॉन्फैंस में मोदी और शाह ने आधे घंटे से ज्यादा खुद ही बोला और अपने चिर परिचित अंदाज में अपनी और अपनी सरकार की तारीफें करते रहे.
प्रेस कॉन्फैंस के 36वें मिनट में जब पत्रकारो के सवालों की बारी आई तो पीएम मोदी ने उनके पूछे गए सवाल को ये कहकर टाल दिया कि हमारे लिए अध्यक्ष सब कुछ होते हैं. मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आने का मकसद भी साफ किया. कहा कि 2014 में 17 मई को बड़ी घटना हुई थी, तब ईमानदारी की शुरुआत हुई थी. कांग्रेस के झूठ को धक्का लगने से गहरा शॉक लगा था. 16 मई को पिछली बार चुनावी परिणाम आए थे, जबकि 17 मई को एक दुर्घटना हुई थी. पीएम ने कहा कि 17 मई को तब सट्टाखोरों को मोदी की हाजिरी का बड़ा नुकसान हुआ था. सट्टा लगाने वाले तब सब डूब गए थे, यानी ईमानदारी की शुरुआत 17 मई को हो गई थी. आज 17 मई है. इसलिए, मैंने सोचा कि आपसे शेयर किया जाए. बता दें कि 2014 में 16 मई को ही चुनाव नतीजे आए थे, जिसमें भाजपा और एनडीए को भारी बहुमत मिला था। कांग्रेस 44 सीटों पर सिमट गई थी.
36वें मिनट से शुरु हुआ सवाल जवाब का सिलसिला 52वें मिनट में खत्म हुआ लेकिन इस दरम्यां मोदी ने किसी सवाल का जवाब नहीं दिया. आखिरी में मोदी और शाह ने कहा ‘चलिए धन्यवाद, सबका बहुत बहुत धन्यवाद’ प्रेस कॉन्फ्रैंस में आए पत्रकारों के सवाल मोदी के लिए कुलबुलाते रहे और पीएम मोदी चले गए.