वायनाड: राहुल से डर गई बीजेपी या ये उसकी कोई रणनीति है ?
केरल की वायनाड लोकसभा सीट से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी चुनाव लड़ रहे हैं. शुरु में बीजेपी कह रही थी कि राहुल का अमेठी में हारने का डर है इसलिए राहुल दक्षिण भाग गए. लेकिन बीजेपी ने राहुल गांधी के खिलाफ अपना उम्मीदवार भी खड़ा नहीं किया है. यहां बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह ने तुषार वेलापल्ली को मैदान में उतारा है.
कांग्रेस की केरल इकाई का कहना है कि बीजेपी राहुल गांधी से डर गई है. क्योंकि वायनाड में बीजेपी ने धर्म जन सेना यानी बीडीजेएस के नेता तुषार भारत को मैदान में उतारा है. तुषार अपनी ही पार्टी के चुनाव चिन्ह से मैदान में हैं. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने ऐसा क्यों किया समझने वाली बात है. केरल के मतदाताओं के बारे में कहा जाता है कि वो साम्प्रदायिक नहीं बल्कि राजनीतिक मुद्दों पर वोट करते हैं. चुंकि वायनाड में मुस्लिमों, ईसाइयों और अन्य समुदायों के वोटों की अच्छी तादाद है और ये वोट कांग्रेस के पास है.
तुषार भारत की बीडीजेएस पार्टी की स्थापना उनके पिता वेल्लापल्ली नातेसन ने की थी, जो एझावा समुदाय की संस्था श्री नारायना धर्म परिपालना योगम (एसएनडीपी) के ताक़तवर नेता भी हैं. एसएनडीपी की स्थापना 20वीं सदी में समाज सुधारक श्री नारायन गुरु ने की थी. 50 साल के तुषार इस समय बीडीजेएस के मुखिया हैं, जो केरल में एनडीए के संयोजक भी हैं. शुरु में तुषार थ्रिसूर सीट से चुनाव लड़ने वाले थे लेकिन बाद में राहुल गांधी जब वायनाड से मैदान में उतरे तो वो वायनाड आ गए.
बीजेपी ने मैदान छोड़ा!
वायनाड में हुए पिछले दो चुनाव में बीजेपी यहां चुनाव मैदान में उतरी थी लेकिन इस बार राहुल गांधी के आने के बाद क्या बीजेपी ने मैदान छोड़ दिया है. ये सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि बीजेपी का ना तो यहां प्रत्याशी उतर रहा है और ना ही उसका चुनाव चिन्ह इस्तेमा किया जाएगा. शायद ये इसलिए भी क्योंकि एलडीएफ़ और यूडीएफ़ की ही टक्कर है और ऐसे में एनडीए के पास बहुत संभावनाएं नहीं हैं. वायनाड में पहले नंबर पर कांग्रेस जिसके उम्मीदवार राहुल गांधी हैं और दूसरे पर हैं सीपीआई जिसने एक बार फिर पी पी सुनीर को मैदान में उतारा है जो पिछले चुनाव में कांग्रेस के एमआई शानावास से 20,870 वोटों के अंतर से हार गए थे.