जागेश्नर धाम : सावन में इस मंदिर के दर्शन से होते हैं अद्भुत फायदे, ये है वजह

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जागेश्नर धाम (Jageswar dham) उत्तराखंड (Uttarakhand) के अल्मोड़ा (Almora) जिले में स्थित है. सावन (Sawan) के पावन महीने में देश के कोने-कोने से श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन और विशेष पूजा-अर्चना के लिए इस मंदिर में आते हैं.

Jageshwar Dham Uttarakhand: इस सावन आप परिवार के साथ भगवान शिव के बेहद प्रसिद्ध मंदिर जागेश्वर धाम के दर्शन कर सकते हैं. जागेश्नर धाम परिसर में भगवान शिव के अनेक छोटे-छोटे मंदिर है, जो देखने में बेहद आकर्षक लगते हैं. चारों तरफ से घने जंगल के बीच में स्थित इस अतिप्राचीन शिव मंदिर की विशेष मान्यता है.

जागेश्वर धाम से ही शुरू हुई लिंग के रूप में शिवपूजन की परंपरा

जागेश्वर धाम का वर्णन स्कंद पुराण और शिव पुराण में मिलता है. मान्यता है कि यह पहला मंदिर है जहां लिंग के रूप में शिवपूजन की परंपरा शुरू हुई थी. यह भी कहा जाता है कि यहां सप्तऋषियों ने तपस्या की थी. मान्यता है कि भगवान राम के पुत्रों लव-कुश ने भी यहां यज्ञ किया था और देवताओं को आमंत्रित किया था. जागेश्वर मंदिर परिसर में 124 मंदिरों का समूह है. जिनका निर्माण बड़ी-बड़ी शिलाओं से किया गया है.

केदारनाथ जाने से पहले जागेश्नर धाम आये थे शंकराचार्य

शंकराचार्य ने केदारनाथ जाने से पहले जागेश्वर धाम में भगवान शिव के दर्शन किए और कई मंदिरों का जीर्णोद्धार और स्थापना की थी. जागेश्नर धाम को आठवें ज्योतिर्लिंग के रूप में जाना जाता है. मान्यता है कि यहां स्वयं भगवान शिव ने अनादिकाल तक तपस्या की थी. यहां भगवान शिव की उपस्थिति जागृत रूप में मानी जाती है. इन मंदिरों की वास्तुकला और शैली को देख इन्हें 7वीं से 12 शताब्दी के मध्य का बताया जाता है.

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