स्विस बैंक से कालाधन की वापसी का क्या हुआ? क्या बड़ी मछलियां यूँ ही बचती रहेंगी?
2019 में स्विस बैंक में भरतीय नेताओं, प्रशासनिक अधिकारियों, बॉलीवुड, मीडिया और खिलाड़ियों के नाम पर कुल जमा 6,625 करोड़ रुपये जमा था, जो 2020 में बढ़कर 20,700 करोड़ रुपए हो गया!!
एक अनुमान के तहत लगभग 72,80,000करोड़ रुपये भारतीयों का स्विस बैंक में जमा है।
7नवम्बर 2013 के छत्तीसगढ़ के कांकेर में एक चुनावी रैली में हर गरीब भरतीय को कालाधन लाकर 15 से 20 लाख रुपये जमा करने की बात कही गई थी, जिसे एक वरिष्ठ नेता ने जुमला करार दिया था।
- 2016 में पनामा पेपर्स लीक हुआ था, जिसमें 12,000 दस्तावेज भारत से सम्बंधित था, जहां 1140 करोड़ रुपए की अघोषित समाप्ति की जानकारी हुई थी.
- 2017 में पैराडाइज पेपर लीक में सांसद, बॉलीवुड समेत 714 भरतीय का नाम था.
- 2021 में पेंडोरा पेपर लीक 380 भरतीय का नाम था.
इन पेपर लीकों के अतिरिक्त अन्य पेपर लीक में स्वीस बैंक में पैसा जमा करने वाले का नाम एवं जमा राशि सर्वविदित है, पर आजतक स्विस बैंक से पैसा लाकर गरीब को देने की बात तो दूर, कोई कार्रवाई तक नहीं की गई है।
देश के बैंकों में जमा राशि देश के विकास में सहायक होता है, लेकिन स्विस बैंक में जमा वहा के विकास में लगता है.
अतः स्विस बैंक पैसा रखने वाले पर देशद्रोह का कानून लगे और देश का पैसा देश के विकास में सहायक हो।
केंद्र सरकार को इस दिशा में पहल करनी चाहिए।
लेखक: प्रो. राम भरत ठाकुर
(यह लेखक के निजी विचार हैं)
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