डेंगू से ऐसे लड़ेगी ‘अच्छे मच्छरों’ की फौज, ये लोग कर रहे हैं मच्छर पालन
डेंगू बुखार ने इन दिनों उत्तरप्रदेश के ज्यादातर जिलों में लोगों की हालत खराब कर दी है. कई लोगों की मौत हो गई है और की इस जानलेवा बुखार की चपेट में हैं. ऐसे में इंडोनेशिया के शोधकर्ताओं की इस बीमारी से निपटने के लिए एक हथियार हाथ लगा है.
कहते हैं लोहा ही लोहे को काटता है. तो जी अब मच्छर ही मच्छर को मारेगा. इंडोनेशिया के शोधकर्ताओं ने डेंगू मच्छर को खत्म करने के लिए मच्छरों की एक ऐसी प्रजाति पालने का तरीका निकाला है. शोधकर्ताओं को दावा है कि इस प्रजाति के मच्छरों की फौज डेंगू के मच्छरों को खत्म कर देंगे. इन मच्छरों के अंदर एक तरह का बैक्टीरिया होता है जो डेंगू के वायरस से लड़ सकता है. इस शोध की शुरुआत विश्व मच्छर कार्यक्रम (डब्ल्यूएमपी) ने की थी. शोध के मुताबिक,
“वोल्बाचिया एक सामान्य बैक्टीरिया है जो कीड़े-मकोड़ों की 60 प्रजातियों में पाया जाता है. इनमें कुछ मच्छर, फल मक्खियां, कीट-पतंगे, ड्रैगनफ्लाई और तितलियां भी शामिल हैं. लेकिन यह डेंगू फैलाने वाले एडीज एजिप्टी मच्छरों में नहीं नहीं पाया जाता है.”
बताया जा रहा है कि डब्ल्यूएमपी ‘अच्छे’ मच्छरों को पाल रहा है. ये मच्छर डेंगू वाले मच्छर वोल्बाचिया वाले मच्छरों के साथ प्रजनन करेंगे जिससे वोल्बाचिया मच्छर यानी ‘अच्छे’ मच्छर पैदा होंगे. अगर वो लोगों को काट भी लेंगे तो उससे लोगों को कुछ होगा नहीं. इंडोनेशिया के शोधकर्ताओं ने इसका सफल प्रयोग किया है. 2017 से डब्ल्यूएमपी द्वारा ऑस्ट्रेलिया के मोनाश विश्वविद्यालय और इंडोनेशिया के गदजा मादा विश्वविद्यालय में कराए जा रहे एक संयुक्त अध्ययन के तहत इंडोनेशिया के योग्यकर्ता शहर के कुछ डेंगू से प्रभावित इलाकों में प्रयोगशालाओं में पाले गए वोल्बाचिया मच्छरों को छोड़ा जा रहा है.
2017 में जो प्रयोग किया गया था उसके नतीजे जून में न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में छपे थे. नतीजों में देखा गया था कि वोल्बाचिया वाले मच्छरों को छोड़ने से डेंगू के मामलों में 77 प्रतिशत गिरावट और अस्पताल में भर्ती कराने के मामलों में 86 प्रतिशत तक की गिरावट आई. ऐसे में ये उम्मीद बंधी है कि इंडोनेशिया से सफल हुआ प्रयोग उन देशों के लिए काफी काम का साबित होगा जहां डेंगू ने हाहाकार मचाया हुआ है.
सालाना 10 से 40 करोड़ लोग होते हैं डेंगू के शिकार
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक वैश्विक स्तर पर डेंगू के मामले हाल के दशकों में काफी तेजी से बढ़े हैं और अब दुनिया की करीब आधी आबादी को डेंगू होने का खतरा है. अनुमान है कि दुनिया में हर साल डेंगू के करीब 10 करोड़ से 40 करोड़ मामले सामने आते हैं. ऐसे में अगर इसि मच्छर को खत्म करने का तरीका कामयाब होता है तो ये एक क्रांतिकारी सफलता मानी जाएगी.
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