भ्रष्टाचार : मजदूरों के पेट पर लात मारकर JCB मशीन से कराया गया मनरेगा कार्य, वीडियो वायरल
महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना यानि मनरेगा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। भ्रष्टाचारियों की काली निगाहें सरकार के इस महत्वपूर्ण योजना की साख में बट्टा लगा रही हैं।
अमेठी : गरीब मजदूरों को रोजगार देने वाली महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना यानि मनरेगा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। भ्रष्टाचारियों की काली निगाहें सरकार के इस महत्वपूर्ण योजना की साख में बट्टा लगा रही हैं। इस योजना में रोजगार की गारंटी हो ना हो लेकिन भ्रष्टाचार की पूरी गारंटी है। दरअसल यूपी के जनपद अमेठी अंतर्गत मुसाफिरखाना विकासखंड के एक गाँव में चौंकाने वाला मामला सामने आया है।यहां जिम्मेदारों की मिलीभगत से बिना काम किए ही मजदूरों के खाते में रुपये आ गए हैं। इतना ही नहीं, आरोप ये भी है कि मनरेगा में जेसीबी मशीन लगाकर काम कराया गया और उसके बाद फर्जी मजदूर दिखाकर धनराशि निकाल ली गई।
मनरेगा योजना पर चली जेसीबी!
दरअसल विकासखंड मुसाफिरखाना के सालपुर गाँव निवासी रामअवध सुत बाली ने जिलाधिकारी अमेठी से शिकायत की है कि उनकी ग्रामसभा अंतर्गत पूरे सरफराज में ग्राम प्रधान ने जेसीबी मशीन से नाली की खुदाई करवाई है और ऐसे लोगों के नाम मस्टरोल भरकर धनराशि निकाल ली जो सऊदी अरब व दुबई जैसे देशों में नौकरी कर रहे हैं। शिकायतकर्ता का दावा ये भी है कि जेसीबी से नाली की खुदाई करने का उनके पास वीडियो भी है जिसमें प्रधान पति खुद खड़े होकर नाली की खुदाई करवा रहे हैं। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। आरोप है कि यहां जितने भी लोगों के नाम धनराशि निकाली गई है उन्होंने कोई काम ही नहीं किया है। प्रधानपति व उनके पिता खुद इस सूची में शामिल हैं।
मनरेगा में कैसे होता है भ्रष्टाचार?
शिकायतकर्ता ने बताया कि ग्राम प्रधान ने जेसीबी मशीन लगाकर नाली की खुदाई करवाई है और फर्जी लोगों के नाम पर मनरेगा की मजदूरी निकाल ली गई है। जिसकी शिकायत हमने जिलाधिकारी अमेठी को शिकायती पत्र देकर की है। वहीं प्रधानपति राम उजागिर ने बताया कि ‘हमने अधिकारियों से बता दिया था। क्योंकि रास्ते का मामला था तो रास्ता बाधित ना हो तो इस कारण उसको जेसीबी से खुदवा दिया गया था। लेकिन उसका पेमेंट हम लोग मिट्टी का नहीं लिए थे’। प्रधानपति ने बताया कि इसकी सूचना सचिव को दे दी थी। इतना ही नहीं, उन्होंने कबूल किया कि उनके परिवार के लोगों के साथ-साथ 60 से 65 वर्ष की आयु के बुजुर्गों ने इसमें मजदूरी की है।
इस मामले में जब डीसी मनरेगा मीनाक्षी देवी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। वहीं जब जिलाधिकारी से फोन पर बात करने की कोशिश की गई तो पीआरओ ने साहब के बैठक में व्यस्त होने की बात कही।
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