बिहार के CM नीतीश कुमार बोले जॉब “बोगस” बात, चुनाव में रोजगार कोई मुद्दा ही नहीं
बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन जहां रोजगार के मुद्दे पर सीएम नीतीश कुमार को घेर रहा है और युवाओं से 10 लाख सरकारी नौकरियां देने का वादा कर रहा है. वहीं नीतीश कुमार का मानना है कि जॉब बोगस बात है और चुनाव में रोजगार कोई मुद्दा ही नहीं.
बिहार के चुनाव (Bihar Assembly Elections 2020) में नौकरी एक मुद्दा बन गया हैं. विपक्ष और महागठबंधन के सभी दल अब 10 लाख नौकरी देने का वादा कर रहे हैं, वहीं NDA के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने शुक्रवार को परबता विधानसभा में चुनावी सभा में अपने भाषण में कहा कि जॉब बोगस बात है. उनके अनुसार, 10 लाख नौकरी का वादा यूं ही बोलना हैं. लोगों को गुमराह, भ्रमित करने के लिए यह बात बोली जा रही है.
‘तेजस्वी को हम से हिसाब मांगने का हक नहीं’
नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव के माता-पिता लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी की आलोचना करते हुए कहा कि वो तो अपने बजट का पैसा भी खर्च नहीं कर पाते थे. वह अब हमसे नौकरियों का हिसाब मांग रहे हैं. उन्होंने कहा, जब उनकी सरकार 15 वर्षों तक थी तो कितने लोगों को रोजगार दिया. उस समय मात्र 95 हजार से कुछ अधिक सरकारी नौकरियां लोगों को मिलीं और उसकी तुलना में उनके 15 साल में 6 लाख से अधिक लोगों को नियुक्त किया गया.
चुनाव में रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा बना
बिहार विधानसभा चुनाव में रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता. क्योंकि तेजस्वी यादव की रैलियों में हो रही भीड़ इस बात का संकेत है की युवा रोजगार के मुद्दे पर आरजेडी से जुड़ रहे हैं. लेकिन नीतीश कुमार को यह बात बोगस क्यों लगती है यह समझ से परे है. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भी अपनी सभाओं में 1000000 नौकरियों का वादे का जिक्र कर कहा था कि विपक्षी दल का यह वादा नौकरी के नाम पर भ्रष्टाचार का एक और जरिया होगा.
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