उत्तराखंड: बागेश्वर में स्कूली बच्चियों के बदहवास होने के वायरल वीडियो का पूरा सच
उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में स्कूली बच्चियों के चिल्लाने और बदहवास होने का वायरल वीडियो कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है. चारों तरफ चर्चा है के स्कूल में भूत प्रेत का साया है लेकिन हम आपको सच्चाई बताने जा रहे हैं.
उत्तराखंड का बागेश्वर जिला इन दिनों चर्चाओं में है और चर्चा का विषय है वह वीडियो जिसमें एक स्कूल की बच्चियां चिल्ला रही हैं और बदहवास हो रही है. सोशल मीडिया और मेनस्ट्रीम मीडिया में यह वीडियो छाया हुआ है. स्थानीय लोगों का कहना है कि स्कूल में भूत है और बागेश्वर प्रशासन बच्चियों की काउंसलिंग कर रहा है. लेकिन सच्चाई क्या है?
क्या है वायरल वीडियो की सच्चाई?
- बागेश्वर ज़िला मुख्यालय से क़रीब 35-36 दूर राजकीय कन्या जूनियर हाईस्कूल रैखोली में कुल 55 छात्र-छात्राएं हैं.
- 26 तारीख़ को अचानक कुछ लड़कियां चिल्लाने और बदहवास होने लगीं.
- छठी से आठवीं तक के इस स्कूल में वैसे तो तीन शिक्षक हैं लेकिन उस दिन एक ही मौजूद थीं.
- बच्चियों के चिल्लाने की आवाज़ सुनकर गांव के लोग भी स्कूल में पहुंच गए. उनमें से कोई बच्चों के सिर के ऊपर से चावल घुमाने लगे (स्थानीय स्तर पर भूत-प्रेत को तात्कालिक रूप से शांत करने की कोशिश), कुछ बच्चों को संभालने लगे.
- एक ग्रामीण ने इस घटना का वीडियो बना लिया, जो वायरल हो गया. स्कूल में अगले दिन भी यही सब हुआ.
बागेश्वर जिला प्रशासन क्या कर रहा है?
ज़िला मुख्यालय में शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग हरकत में आए और 28 जुलाई को बागेश्वर के मुख्य शिक्षा अधिकारी गजेंद्र सौन, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरीश पोखरिया, एसडीएम हर गिरी और काउंसिलर (मनोवैज्ञानिक सलाहकार) संदीप कुमार स्कूल में पहुंचे.
यहां बच्चों और अभिभावकों की काउंसिलिंग की गई और नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र बोहाला के चिकित्साधिकारी को अगले चार-पांच दिन निगरानी करने के निर्देश दिए गए.
मास-हिस्टीरिया की वजह से ऐसा हुआ
मास-हिस्टीरिया एक मनोरोग है और इसकी वजह से यह सब हुआ है ऐसा डॉक्टर मानते हैं. कहा जा रहा है उसकी शुरुआत भी इसी बच्ची से हुई. उसे देखकर अन्य बच्चे भी (कुल 6 लड़कियां, 2 लड़के) भी वैसी ही हरकत करने लगे. पता चला कि इस बच्ची का इंस्टाग्राम पर अकाउंट है. प्रशासन की टीम ने उस बच्ची की मां को बुलाकर उनसे बात की और अपनी बेटी पर नज़र रखने को कहा.
इसके बाद उस लड़की के साथ ही दो और अन्य छात्राओं को दो दिन की छुट्टी दे दी गई ताकि वह आराम कर सकें और स्कूल में भी शांति रहे. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इस ‘कैटेलिस्ट’ पर नज़र बनाकर रखने का फ़ैसला किया है. बागेश्वर में हॉस्पिटल में भर्ती कर ट्रीटमेंट शुरू किया जाएगा.
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