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Uttrakhand news: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कौन सी पार्टी ज्यादा मजबूत है?

Uttrakhand news today latest: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव: हरिद्वार (Haridwar) में अभी तक पंचायत की राजनीति में बसपा और कांग्रेस का ही वर्चस्व रहा है। बसपा सबसे लंबे समय इस राजनीति में हावी रही है। जबकि, BJP अभी तक कुछ खास नहीं कर पाई है।  

Uttrakhand news today: हरिद्वार में अभी तक पंचायत की राजनीति में बसपा और कांग्रेस का ही वर्चस्व रहा है। बसपा सबसे लंबे समय इस राजनीति में हावी रही है।  इस बार पंचायत की राजनीति के दो दिग्गज मोहम्मद शहजाद और चौधरी राजेंद्र सिंह एक साथ बसपा के मंच पर मैदान में है। इसी कारण बसपा का कद बढ़ गया है। भाजपा एक ही बार अपना जिला पंचायत अध्यक्ष जिता पाई है। एक बार भाजपा और एक बार बसपा का मनोनीत अध्यक्ष रहा है। 

Uttrakhand news: त्रिस्तरीय चुनाव में किसका पलड़ा भारी

इस चुनाव में भाजपा के सदस्यों की भूमिका पर सवाल भी उठे थे और भाजपा के कई नेताओं पर  कार्रवाई भी की गई थी। वर्ष 2016 के चुनाव में बड़ा  दल होने के बावजूद बसपा अपना अध्यक्ष नहीं बना पाई। 2016 में कांग्रेस की सविता चौधरी अध्यक्ष बनीं। सविता को कार्यकाल के बीच में ही सरकार ने विभिन्न आरोपों के आधार पर कराई गई जांच रिपोर्ट का हवाला देकर बर्खास्त किया गया तो चार महीने के लिए कांग्रेस के ही राव आफाक अली जो जिला पंचायत के उपाध्यक्ष थे।

त्रिस्तरीय चुनाव में बसपा का रहा है वर्चस्व

उन्हें अध्यक्ष बनने  मौका मिला। इसके बाद मध्यावधि चुनाव हुए तो 2019 में भाजपा ने चार ही सदस्यों के दम पर अपना जिला पंचायत अध्यक्ष सुभाष वर्मा को बना लिया।  यह पहला मौका भाजपा को मिला, जिसमें उसने चुनाव में जीत दर्ज की। इस राजनीति में बसपा का सबसे अधिक वर्चस्व रहा है। 

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