QR CODE से ऐसे हो रही है ठगी, आप नहीं समझे तो लुट जाएंगे
आजकल हम अपने बहुत सारे पेमेंट QR CODE के माध्यम से करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं आज की तारीख में इसके जरिए धोखाधड़ी और ठगी के कई मामले सामने आ रहे हैं.
आइए जानते हैं कि QR CODE क्या है और कैसे काम करता है. कैसे आप ऐसी धोखाधड़ियों से बच सकते हैं. क्यू आर का मतलब है क्विक रेस्पॉन्स. 1994 में एक जापानी ऑटोमोबाइल कंपनी डेन्सो वेयर ने इसे विकसित किया था. यह मैट्रिक्स बार कोड है. इसे मशीन के जरिये पढ़ा जा सकता है. इस कोड में जरूरी जानकारी होती है. जब इसे मशीन के जरिये पढ़ा जाता है तो सभी जानकारियां सामने आ जाती हैं.
जल्दी ही कार इंडस्ट्री से दूसरे उद्योगों ने भी इसे अपना लिया. इससे होने वाली सुविधा इसे अपनाने में प्रेरक बनी. इसमें यूपीसी बार कोड ( ऊपर से नीचे आने वाली सीधी चौड़ी लाइनें) से ज्यादा जानकारियां स्टोर हो सकती हैं. जापान में क्यूआर कोड का इस्तेमाल कब्रों में भी होता है. जैसे ही आप क्यूआर कोड को स्कैन करेंगे सभी शोक संदेश आपके मोबाइल फोन की स्क्रीन पर दिखने लगेंगे.
हम QR CODE में अपने बैंक अकाउंट और यहां तक कि क्रेडिट कार्ड का ब्योरा भी डाल सकते हैं. हम इसे तरह भी डिजाइन कर सकते हैं कि ये पेमेंट प्रोवाइडर के लिए भी काम कर सके. आम तौर पर जब हमें किसी को पैसा भेजना होता है तो उसके अकाउंट का ब्योरा लेते हैं. उस अकाउंट नंबर को अपने अकाउंट से जोड़ते हैं और तब पैसे ट्रांसफर करते हैं. लेकिन उस अकाउंट का कोई क्यूआर कोड हो तो स्कैन करते ही हमें उसका पूरा ब्योरा मिल जाता है. इसके बाद हम पैसा तुरंत ट्रांसफर कर सकते हैं.
QR CODE से क्या परेशानी है?
QR CODE से सुविधा तो होती है लेकिन इससे गलतियों और धोखाधड़ी की आशंका बनी रहती है. क्यूआर कोड के जरिये कई तरह की साइबर क्राइम को अंजाम दिया जा रहा है. लिहाजा आपको दो चीजों को ध्यान में रखना चाहिए.
- जब आपके बैंक में कोई रकम जमा होनी हो तो आपको किसी को ओटीपी नहीं बताना पड़ता है. आप जब किसी को पैसे भेज रहे हों तब आपके मैसेज पर आए ओटीपी को वैरिफाई करना होता है.
- अगर आपके अकाउंट में कोई पेमेंट आना है तो किसी क्यूआर कोड को स्कैन करने की जरूरत नहीं होती है. सिर्फ किसी अकाउंट में पेमेंट करते समय क्यूआर कोड स्कैन करना पड़ता है.
अगर आप इन दो बातों को ध्यान में रखेंगे तो आप इस तरह की धोखाधड़ी के फंदे में फंसने से बच जाएंगे. जिस तरह हम अनजान लोगों की ओर भेजे क्यूआर कोड लिंक को स्कैन करने से पहले सावधानी बरतते हैं उसी तरह हम इस बात को भी लेकर सतर्कता बरतनी चाहिए ये कहां से ओरिजिनेटेड है. यानी कहां से बनाया गया है.
QR CODE के मामले में क्या सावधानी बरतें?
- क्यूआर कोड स्कैन करने से पहले दूसरे पक्ष के ब्योरे को जांच ले. जानकारियों की पुष्टि होने के बाद ही पेमेंट करें. इससे अगर स्कैनर या उनके कोड में कोई गड़बड़ी हुई तो हमें इसका तुरंत पता चल जाएगा
- आपके अकाउंट से पेमेंट सुनिश्चित होने के बाद यह सुनिश्चित कर लें कि जिसे पेमेंट किया उस तक पैसा पहुंचा है या नहीं.
- अगर आपके अकाउंट से पैसा कट गया है और जिसे मिलना है उस तक नहीं पहुंचा है तो हमें तुरंत संबंधित ऐप से बैंक से संपर्क करना चाहिए. इससे घाटे की आशंका कम हो जाती है.
- सिर्फ क्यूआर कोड के मामले में ही नहीं कोई भी डिजिटल पेमेंट में हड़बड़ी नहीं दिखानी चाहिए. पैसा पहुंचने में कुछ वक्त लगता है.
- अमूमन पेमेंट ऐप में एक क्यूआर कोड लगा होता है. इसके अलावा क्यूआर कोड को स्कैन करने के लिए कुछ खास ऐप भी होते हैं. लेकिन उन्हें डाउनलोड करने से पहले आप उन ऐप की रेटिंग और रिव्यू देख लें. पूरी तरह संतुष्ट होने पर भी ये ऐप डाउनलोड किए जाने चाहिए.नहीं तो ऐसे ऐप धोखाधड़ी का जरिया बन सकते हैं.
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