गुजरात (Gujarat) के शिक्षा मंत्री जीतू वघानी (Education Minister Jitu Vaghani) ने कहा कि लोग यहां पढ़ते हैं, यहां कारोबार करते हैं और अब अगर उन्हें कहीं और शिक्षा पसंद आ रही है, तो वहां चले जाना चाहिए. जीतू वघानी के इस बयान के बाद दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया गुजरात गए और उन्हीं के विधानसभा क्षेत्र में जाकर एक सरकारी स्कूल की तस्वीरें पोस्ट की और सरकार को घेर लिया.
यह गुजरात में हुई हाल फिलहाल की घटनाओं में से एक घटना है और वहां आम आदमी पार्टी अपना भविष्य किस तरह से देख रही है और उसके लिए वह कितनी मेहनत कर रही है इसका प्रमाण भी है. गुजरात में अभी तक दो प्रमुख पार्टियां थी भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस. लेकिन अब आम आदमी पार्टी वहां एक तीसरे विकल्प के तौर पर उभर रही है और अभी हाल ही में हुए निकाय चुनावों में उसे लोगों का जो समर्थन मिला है निश्चित तौर पर उससे दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है.
ऐसे में यह प्रश्न उठना लाजमी है कि क्या 2022 के विधानसभा चुनाव में पंजाब की तरह आम आदमी पार्टी गुजरात में भी बड़ा उलटफेर कर सकती है. गुजरात के वरिष्ठ पत्रकार दर्शन देसाई बताते हैं, ‘निश्चित तौर पर आम आदमी पार्टी गुजरात में एक बड़ी ताकत के तौर पर उभर रही है, सबसे बड़ी बात है यह पार्टी सड़क पर, जमीन पर दिखाई देती है . ‘ दर्शन देसाई कहते हैं, अभी हाल ही में हुए निकाय चुनाव में गांधीनगर और सूरत के नतीजों को अगर आप समझे तो इससे एक संकेत स्पष्ट तौर पर मिल रहा है कि गुजरातियों के बीच आम आदमी पार्टी की स्वीकार्यता बढ़ रही है.
क्या हार्दिक पटेल आम आदमी पार्टी ज्वाइन करेंगे?
इस सवाल के जवाब में दर्शन देसाई कहते हैं ‘अभी इसके बारे में कहना थोड़ी जल्दबाजी होगी. लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता क्योंकि अतीत में हार्दिक पटेल भारतीय जनता पार्टी के साथ-साथ आम आदमी पार्टी को भी निशाने पर लेते रहे लेकिन राजनीति में कौन कब दुश्मन और कौन कब दोस्त हो जाए इसका आकलन करना थोड़ा मुश्किल होता है’ हार्दिक पटेल के कांग्रेस छोड़ने की चर्चाएं इसलिए तेज हो गई है क्योंकि उन्होंने जिस तरह से पार्टी हाईकमान को निशाने पर लिया है उससे इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि वह पाला बदल सकते हैं.
दर्शन देसाई कहते हैं कि हार्दिक पटेल कुछ ज्यादा चाह रहे हैं. ऐसा नहीं है कांग्रेस ने उनको कुछ दिया नहीं है कांग्रेस ने उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष बनाया. और कई जिम्मेदारियां दी लेकिन अगर हार्दिक पटेल यह चाहते हैं कि हर निर्णय उनसे पूछ कर लिया जाए और उन्हें बार-बार मनाया जाए तो यह बात ठीक नहीं है हार्दिक पटेल कुछ ज्यादा अपेक्षा कर रहे हैं’ दरअसल गुजरात में हार्दिक पटेल का प्रभाव जिस वोट बैंक पर है वह है पाटीदार वोट. निश्चित तौर पर गुजरात में सरकार बनाने या गिराने में इस वोट बैंक की बड़ी भूमिका है. ऐसे में चुनाव से कुछ महीने पहले इस वोट बैंक की नाराजगी किसी भी पार्टी के लिए मुश्किल बन सकती है. आप भी इसी वोट बैंक को साधने की कोशिश में है.
आम आदमी पार्टी किसे ज्यादा नुकसान पहुंचाएगी?
वरिष्ठ पत्रकार अरविंद कुमार का कहना है कि ‘गुजरात में आम आदमी पार्टी का प्रभाव शहरी इलाकों में ज्यादा है और निश्चित तौर पर इन इलाकों में बीजेपी की पकड़ मजबूत होने के चलते आम आदमी पार्टी अगर निर्णायक भूमिका में आती है तो इसका सीधा नुकसान बीजेपी को होगा.’ अरविंद कुमार की ही बात को आगे बढ़ाते हुए गुजरात की वरिष्ठ पत्रकार पूनम द्विवेदी बताती हैं. ‘ऐसा नहीं है कि गुजरात में आम आदमी पार्टी सिर्फ शहरों तक सीमित रह गई है वह धीरे धीरे कर के ग्रामीण इलाकों में भी अपनी पकड़ मजबूत कर रही है. संगठन के स्तर पर आम आदमी पार्टी ने काफी काम किया है और निश्चित तौर पर 2022 विधानसभा के नतीजे चौंका सकते हैं’
गुजरात में कैसे काम कर रही है आम आदमी पार्टी?
इस सवाल के जवाब में दर्शन देसाई बताते हैं, ‘देखिए आम आदमी पार्टी का पॉलिटिकल स्टाइल बहुत नया नहीं है लेकिन बाकी पार्टियों ने ग्राउंड लेवल की पॉलिटिक्स बंद कर दी और वही काम आम आदमी पार्टी ने शुरू कर दिया. आप गुजरात में गुजरातियों के बीच जाकर अपनी बात कह रही है. क्योंकि गुजरात मॉडल एक्सपोज हो चुका है और गुजरात में मुद्दों की कोई कमी नहीं है. इन्हीं मुद्दों के सहारे आम आदमी पार्टी अपनी राजनीति चमकाने की प्लानिंग कर रही है लेकिन ठीक इससे उलट कांग्रेस ने सड़क छोड़ दी और मुद्दों से उसे कोई मतलब नहीं. आम आदमी पार्टी ने अभी हाल ही में मिस्ड कॉल कैंपेन लॉन्च किया जिससे बहुत समर्थन मिला और करीब 1000000 लोग पार्टी से जुड़े हैं’
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए दर्शन देसाई ने कहा ‘मिस्ड कॉल कैंपेन को अगर आप देखें इस कैंपेन में अगर कोई मिस्ड कॉल करता है तो पार्टी वर्कर उसको फोन करके उससे पूछते हैं कि आप आम आदमी पार्टी से किस तरह से जुड़ना चाहते हैं फुल टाइम, पार्ट टाइम, आप दिन में 2 घंटे देंगे, हफ्ते में 2 घंटे देंगे, हफ्ते में 2 दिन ‘ दर्शन देसाई कहते हैं की आम आदमी पार्टी वही काम कर रही है जिस की राजनीति में जरूरत है जैसे लोगों को जोड़ना और सड़क पर मुद्दों को उठाना.
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ऐसे में गुजरात विधानसभा चुनाव कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों के लिए ही महत्वपूर्ण है और आम आदमी पार्टी निश्चित तौर पर एक तीसरी ताकत के तौर पर गुजरात में उभरे गी. क्योंकि कांग्रेस का कमजोर होना अभी भी जारी है और अभी कांग्रेस की कार्यप्रणाली से यह नहीं लगता कि वह खुद को मजबूत करने की दिशा में कोई काम कर भी रही है.
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