महिलाओं के लिए दुनिया में सबसे ज्यादा सुरक्षित जगह कौन सी है? अगर कोई आपसे यह सवाल करे तो यकीनन आप किसी यूरोपीय देश का नाम उसके सामने लेंगे लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में भी एक ऐसा इलाका है जहां सेक्स क्राइम जीरो है.
महिला सुरक्षा भारत का सबसे अहम विषय है और सरकार महिला सुरक्षा के लिए तरह-तरह के उपाय तलाश रही है. 2013 में दिल्ली की घटना के बाद महिलाओं और लड़कियों को महफूज रखने के लिए वूमेन पावर हेल्पलाइन और फास्ट ट्रेक कोर्ट के अलावा बहुत सारे तरीके अपनाए गए हैं. लेकिन फिर भी अगर हम एनसीआरबी के डाटा को देखें तो पाएंगे कि महिला सुरक्षा के मामले में हम बहुत पीछे हैं और महिलाओं के खिलाफ यौन अपराध लगातार बढ़ रहे हैं.
महिलाओं के खिलाफ सेक्स क्राइम रेट का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं के देश की राजधानी दिल्ली में आए दिन दिल दहला देने वाली वारदात सामने आती है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे इलाके के बारे में बताने जा रहे हैं जहां महिलाओं के खिलाफ सेक्स क्राइम रेट जीरो है. और यह इलाका है छत्तीसगढ़ में…जी हां चौंकिए मत छत्तीसगढ़ आमतौर पर छत्तीसगढ़ का नाम नक्सली वारदातों के लिए लिया जाता है लेकिन यहां का एक आदिवासी समुदाय है बाइसन-हॉर्न मारिया. लंबे समय से दक्षिणी छत्तीसगढ़ के निचले इलाकों में रहने वाला यह आदिवासी समुदाय महिलाओं के प्रति अपने नजरिए के लिए मशहूर है.
बाइसन-हॉर्न मारिया कम्युनिटी स्थानीय व्यापार मार्गों और पशुधन के माध्यम से अपनी आजीविका चलाती है. ये लोग मध्य और दक्षिण-मध्य भारत के कई राज्यों में फैले गोंड आदिवासी समूह का हिस्सा हैं. इस जनजाति का नाम एक विशिष्ट टोपी से लिया गया है जिसे “तल्लागुल्ला” के रूप में जाना जाता है, जो मूल रूप से भारतीय बाइसन के सींग और मोर के पंखों से सुशोभित होता है.
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सेक्स के मामले में खुले विचार रखने वाली जनजाति
हालाँकि, जो चीज उन्हें अलग करती है, वह है न केवल उनका आकर्षक सिर, बल्कि उनके लिंग संवेदनशील रीति-रिवाज और सेक्स पर खुले विचार भी. इस जनजाति में शादी से पहले सेक्स सामान्य बात है. इतना ही नहीं अगर शादी के बाद भी किसी महिला को दूसरे मर्द से प्यार हो जाता है तो वह अपने मौजूदा पति को छोड़कर उससे आसानी से शादी कर सकती है. यहां इस तरह के रिश्ते को न सिर्फ मान्यता दी जाती है बल्कि नई पीढ़ी को इसके बारे में प्रोत्साहित भी किया जाता है.
अपने खुले विचारों के लिए मशहूर बाइसन-हॉर्न मारिया जनजाति सेक्स को सामान्य बनाने से लेकर शादी से पहले अनुकूलता का पता लगाने तक, अगर आप किसी और के प्यार में पड़ जाते हैं तो अपने जीवनसाथी को छोड़ने की स्वतंत्रता, विधवा पुनर्विवाह को प्रोत्साहित करने से लेकर अविवाहित जोड़ों के बच्चों को औपचारिक विवाह से बच्चों के समान अधिकार और सम्मान देने तक किसी प्रोग्रेसिव कम्युनिटी से ज्यादा खुले विचार रखती है.
यहां कभी नहीं होता महिलाओं के खिलाफ सेक्स क्राइम
छत्तीसगढ़ की खुली मिजाजी के कारण सदियों -पुरानी प्रथाओं के परिणामस्वरूप महिलाओं के खिलाफ लगभग कोई अपराध नहीं हुआ है और एक स्वस्थ सामाजिक ताना-बाना भी रहा है. आज जब हम इस प्रोग्रेसिव माइंडसेट की जनजाति की बात कर रहे हैं तो हम यह देख रहे हैं कि महिला सुरक्षा को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करने वाले प्रोग्रेसिव समाज के लोग आज भी आदिवासी समाज से कितने पीछे हैं.
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