योगी की पुलिस ने की थी शहीद कौशल की पत्नी से बदसलूकी, अब अखिलेश की इस बात ने जीत लिया दिल

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  • सपा मुखिया ने फोन करके मुलाकात के लिए बुलाया था लखनऊ.
  • पूर्व मुख्यमंत्री ने शहीद की पत्नी और बेटे को दिया हर संभव मदद का आश्वासन.
  • ममता रावत ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री शहीद पति की प्रतिमा के अनावरण के लिए भी आएंगे आगरा

पुलवामा आतंकी हमले में शहीद आगरा के कौशल कुमार रावत की पत्नी और बेटे ने शुक्रवार को सपा मुखिया व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की। उन्होंने शहीद के परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। वहीं वीर नारी ने शहीद की प्रतिमा का अनावरण करने का पत्र पूर्व मुख्यमंत्री को दिया।

ताजगंज के कहरई निवासी कौशल कुमार रावत 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद हो गए थे।शहीद की वीर नारी और बेटों ने प्रशासन पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया था। एक जुलाई को धरने शहीद के प्रतिमा स्थल पर धरना दिया था। शहीद की पत्नी ममता रावत का आरोप है कि तीन जुलाई को प्रशासन ने वादे पूरे करने का लिखित में आश्वासन देकर उन्हें धरना खत्म् करने को मना लिया था। जिसके बाद अधिकारियों ने फोन उठाना बंद कर दिया। पिछले सप्ताह आगरा आए मुख्यमंत्री से भी नहीं मिलने दिया।

सपा मुखिया एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शहीद की पत्नी को फोन करके उन्हें मिलने के लिए लखनऊ बुलाया था। ममता रावत और अभिषेक ने शुक्रवार को लखनऊ में मुलाकात की। ममता रावत ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री ने करीब एक घंटे की मुलाकात के दौरान उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। शहीद के बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा पार्टी उठाएगी। ममता रावत ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री को शहीद की प्रतिमा का अनावरण करने का पत्र दिया है। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के अधिकारी व पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा जल्द ही शहीद की प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा।

योगी की पुलिस ने कैसा बर्ताव किया?

आठ अगस्त को योगी आदित्यनाथ आगरा के फ़तेहाबाद रोड पर स्थित एसएनजे गोल्ड रिज़ॉर्ट में कोरोना वॉरियर्स डॉक्टरों को सम्मानित करने आए थे. उनके इस कार्यक्रम के दौरान पुलवामा हमले में 14 फ़रवरी, 2019 को मारे गए स्थानीय सैनिक कौशल कुमार रावत की विधवा अपने बेटे के साथ कुछ माँगों को लेकर मुख्यमंत्री से मिलने पहुँचीं. परिवार का कहना है कि वे लोग मुख्यमंत्री से राज्य सरकार की ओर से ड्यूटी के दौरान मृतक सैनिकों को दी जाने वाली आर्थिक सुविधाएं अब तक नहीं मिलने की शिकायत के साथ अपनी कुछ माँगें मुख्यमंत्री के सामने रखना चाहते थे.

मृतक सैनिक की पत्नी और बेटे का आरोप है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ से मुलाक़ात तो दूर आयोजन स्थल से क़रीब सौ मीटर पहले ही सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक लिया और इसके बाद लगभग दस घंटे तक उन लोगों को हिरासत में रखा गया.

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