Monsoon Session: देश का बेड़ागर्क और टैक्सपेयर का पैसा बर्बाद करने में लगे हैं हमारे माननीय!
Monsoon Session: मानसून सत्र खत्म हो गया और काम के नाम पर हमारे माननीय सिर्फ हंगामा करने भर तक सीमित रहे. सत्ता पक्ष विपक्ष को गिरता रहा और विपक्ष सरकार को…नतीजा निल बटे सन्नाटा
Monsoon Session: संसद का मॉनसून सत्र अपने पूर्व निर्धारित समय से दो दिन पहले ही बुधवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. सत्र के आखिरी दिन बताया गया कि इस सत्र में कितना काम हुआ है. करोड़ों रुपए बर्बाद करके हमारे माननीय सांसदों ने हंगामा किया है काम के नाम पर सिर्फ 22 फ़ीसदी काम करके ही यह सांसद संतुष्ट हैं. 19 जुलाई से शुरू हुए सत्र में पेगासस जासूसी मामले और कृषि कानूनों सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के हंगामे की वजह से लोकसभा में जहां मात्र 22 प्रतिशत वहीं राज्यसभा में महज 28 प्रतिशत ही कामकाज हो पाया. संसद में पूरे सत्र के दौरान गतिरोध बना रहा, हालांकि राज्यों को अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची बनाने का अधिकार देने संबंधित संविधान संशोधन विधेयक पर दोनों सदनों में सभी विपक्षी दलों ने चर्चा में भाग लिया.
Monsoon Session में मौज काटते रहे सांसद!
कितनी हैरानी की बात है कि हमारे सांसदों को संसद सत्र की गरिमा और उपयोगिता से कोई लेना देना नहीं है. विपक्ष हंगामें को अपना हथियार बनाता है और सत्ता पक्ष उस हथियार का इस्तेमाल अपनी ढाल की तरह करता है. तीसरी तरफ जनता है जो इस तमाशे को देखकर या तो अपना सिर पकड़ती है या अपने पसंद की पार्टी के समर्थन में खड़ी हो जाती है. लेकिन इससे देश को मिलता क्या है? तो इसका जवाब है कुछ भी नहीं…
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बताया, 17वीं लोकसभा की छठी बैठक 19 जुलाई 2021 को शुरू हुई और इस दौरान 17 बैठकों में 21 घंटे 14 मिनट कामकाज हुआ. उन्होंने कहा, ‘सदन में कामकाज अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा.’ बिरला ने बताया कि व्यवधान के कारण 96 घंटे में करीब 74 घंटे कामकाज नहीं हो सका. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘निरंतर व्यवधान के कारण महज 22 प्रतिशत कार्य निष्पादन रहा.’
उन्होंने बताया कि सत्र के दौरान संविधान (127वां संशोधन) विधेयक सहित कुल 20 विधेयक पारित किये गए. चार नये सदस्यों ने शपथ ली. बिरला ने बताया कि मॉनसून सत्र के दौरान 66 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिये गए और सदस्यों ने नियम 377 के तहत 331 मामले उठाये. उन्होंने कहा कि इस दौरान विभिन्न स्थायी समितियों ने 60 प्रतिवेदन प्रस्तुत किये, 22 मंत्रियों ने वक्तव्य दिये और काफी संख्या में पत्र सभापटल पर रखे गए. उन्होंने बताया कि सत्र के दौरान अनेक वित्तीय एवं विधायी कार्य निष्पादित किये गए. इससे पहले बिरला ने सदन को चार पूर्व सदस्यों के निधन की जानकारी दी और उन्हें श्रद्धांजलि दी गई.
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मानसून सत्र में इन बिलों को दी गई मंजूरी
मॉनसून सत्र के दौरान लोकसभा ने वर्ष 2021-22 की अनुदान की अनुपूरक मांगें- प्रथम खंड और वर्ष 2017-18 की अनुदान की अतिरिक्त मांगें एवं इनसे संबंधित विनियोग विधेयकों को मंजूरी दी. निचले सदन में अन्य पिछड़ा वर्गों से संबंधित संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता संशोधन विधेयक 2021, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और निकटवर्ती क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंध आयोग विधेयक 2021 भी पारित हुए. सदन ने कराधान विधि संशोधन विधेयक 2021, अधिकरण सुधार विधेयक 2021, अनिवार्य रक्षा सेवा विधेयक 2021, राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता और प्रबंध संस्थान विधेयक 2021, भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण संशोधन विधेयक 2021, साधारण बीमा कारोबार राष्ट्रीयकरण संशोधन विधेयक, केंद्रीय विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2021, राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग (संशोधन) विधेयक 2021, राष्ट्रीय भारतीय आयुर्विज्ञान प्रणाली आयोग (संशोधन) विधेयक 2021, निक्षेप बीमा एवं प्रत्यय गारंटी निगम (संशोधन) विधेयक 2021 तथा सीमित दायित्व भागीदारी (संशोधन) विधेयक, 2021 को भी मंजूरी दी
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