वर्जिनिटी टेस्ट क्यों और कैसे किया जाता है | Virginity test
वर्जिनिटी टेस्ट सिर्फ बलात्कार पीड़ितों का ही नहीं बल्कि कुछ देशों में नौकरी में बहाली के लिए भी किया जाता है. आखिर क्या है टूफिंगर टेस्ट (two finger test).
यह एक बेहद विवादास्पद परीक्षण है, जिसके तहत महिला की योनी (vagina) में उंगलियां डालकर अंदरूनी चोटों की जांच की जाती है. यह भी जांचा जाता है कि दुष्कर्म की शिकार महिला संभोग की आदी है या नहीं.
वर्जिनिटी टेस्ट करने की क्या वजह है | virginity test karne ki kya wajah hai
किसी पर बलात्कार का आरोप लगा देना, उसे सजा दिलाने के लिए काफी नहीं है. बलात्कार हुआ है, यह सिद्ध करना पड़ता है और इसके लिए डॉक्टर टू फिंगर टेस्ट करते हैं.
कई देशों में इसे वर्जिनिटी टेस्ट भी कहा जाता है. इसके जरिए महिला के कौमार्य की जांच की जाती है. डॉक्टर उंगलियों के ही जरिए यह पता लगाते हैं कि हायमन यानि यौन झिल्ली मौजूद है या नहीं.
योनि का लचीलापन का पता लगाने का तरीका
इसके अलावा योनि के लचीलेपन से यह पता लगाया जाता है कि संभोग जबरन हुआ या फिर महिला की मर्जी से. विश्व स्वास्थ्य संगठन इस परीक्षण को बेबुनियाद घोषित कर इसे रोकने की मांग कर चुका है.
सुप्रीम कोर्ट की फटकार
भारत में 2013 में सर्वोच्च न्यायालय ने टू फिंगर टेस्ट को बलात्कार पीड़िता के अधिकारों का हनन और मानसिक पीड़ा देने वाला बताते हुए खारिज कर दिया. अदालत का कहना था कि सरकार को इस तरह के परीक्षण को खत्म कर कोई दूसरा तरीका अपनाना चाहिए.
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