उत्तराखंड न्यूज़: देवभूमि में एक दिलचस्प वाकया सामने आया है यहां हरिद्वार के लक्सर नगर पालिका की पूर्व महिला सभासद नीता पांचाल का पद इसलिए चला गया क्योंकि उनके तीसरा बच्चा हो गया था.
उत्तराखंड न्यूज़: हरिद्वार के लक्सर नगर पालिका की पूर्व महिला सभासद नीता पांचाल की सदस्यता इसी महीने ख़त्म हो गई. नीता पांचाल भाजपा नेता हैं और दूसरी बार शिवपुरी के वार्ड नंबर चार से पार्टी टिकट से सभासद चुनी गईं थी. तीसरी संतान होने पर नीता पांचाल की सदस्यता ख़त्म होने का आदेश ऐसे समय में आया है जब यूपी समेत कुछ अन्य राज्यों में जनसंख्या नियंत्रण बिल को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो चुका है. लेकिन उत्तराखंड में स्थानीय निकाय में अधिकतम दो संतान की शर्त करीब दो दशक से लागू है.
सदस्यता खत्म होने के बाद नीता पांचाल ने कहा, “मैंने नगर पालिका सभासद पद की जगह अपने बच्चे को चुना है. सच भी बोला और अपने पद के लालच में अपना गर्भ नहीं गिराया, जो हक़ीक़त थी बताया. मेरी नगर पालिका सदस्यता बीती 13 जुलाई को इसलिए ख़त्म कर दी गई क्योंकि मेरी तीसरी संतान ने जन्म ले लिया. मैं राजनीति में आगे आना चाहती हूं, लेकिन अब मैं चुनाव भी नहीं लड़ पाऊंगी. क्या यही महिला सशक्तिकरण है?”
लेकिन यहां गौर करने वाली बात यह है कि स्थानीय निकाय और ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों के लिए अधिकतम दो संतान की शर्त लागू है. जुलाई 2002 से यह शासनादेश लागू है. उत्तराखंड में क़ानून भले 2002 से लागू हो लेकिन दिलचस्प यह है कि क़ानून के बाद भी नीता पांचाल की सदस्यता तब तक नहीं छिनी गई जब तक कि उनके ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज नहीं हुई थी. उनकी सदस्यता को चुनौती देनी वाली रिट याचिका उच्च न्यायालय उत्तराखंड, नैनीताल में इस संबंध में अगस्त 2020 को डाली गई थी. यह रिट याचिका लक्सर के शिवपुरी निवासी पंकज कुमार बंसल ने डाली थी.
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चुंकी इस समय जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर खूब हो हल्ला हो रहा है लिहाजा नीता पांचाल का मसला राष्ट्रीय स्तर पर उठ रहा है. नीता पंचाल के पति विजेंद्र पंचाल भी दावा करते हैं, “भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर मेरी पत्नी ने उनकी शिकायत की थी, जिसके बाद उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की गई थी. इसी वजह से उन्होंने हमारे ख़िलाफ़ शिकायत की थी.” इसके बाद शुरू हुई जांच के बाद बीती 13 जुलाई, 2021 को शहरी विकास निदेशालय ने नीता पांचाल को पद छोड़ने का निर्देश दिया.
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