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मंकीपॉक्स कितना खतरनाक है यह जानकर आप की हवा टाइट हो जाएगी! भारत में कितना खतरा?

अमेरिका में मंकीपॉक्स के 200 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. इंसान से इंसान में फैलने वाली यह बीमारी 27 राज्यों तक फैल चुकी है. क्या भारत में भी खतरा बढ़ सकता है.

अमेरिका में एक हफ्ते के भीतर मंकीपॉक्स के 200 से ज्यादा मामले सामने आए हैं. लागोस से अटलांटा और फिर वहां से डलास एयरपोर्ट, तेजी से फैलने वाली यह बीमारी नाइजीरिया से अमेरिका इसी तरह पहुंची.

16 जुलाई 2021 को अमेरिकी राज्य टेक्सास में किसी इंसान में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक मंकीपॉक्स से संक्रमित शख्स नाइरिया से अमेरिका लौटा था. रोगी को तब से डलास के अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया है. उसकी हालत स्थिर है.

इसके हफ्ते भर बाद अमेरिका में मंकीपॉक्स के 200 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. इंसान से इंसान में फैलने वाली यह बीमारी 27 राज्यों तक फैल चुकी है. अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग शुरू कर दी है.

क्या है मंकीपॉक्स

ये जानवरों से इंसान में फैली एक दुर्लभ बीमारी है. इंसान में पहली बार इस बीमारी का पता 1970 में डेमोक्रैटिक रिपब्लिक कॉन्गो में चला. इसके बाद पश्चिमी अफ्रीका के कुछ देशों में भी इसके मामले सामने आए. अफ्रीका के बाहर 2001 से 2019 के बीच अमेरिका, ब्रिटेन, इस्राएल, सिंगापुर में भी मंकीपॉक्स के कुछ मामले सामने चुके हैं.

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ये वायरस सांस, छींक, आंख, मुंह या चोट के सहारे फैलता है. मंकीपॉक्स से संक्रमित होने पर बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, कमर में दर्द, नसों में सूजन, सर्दी लगना और थकान जैसे लक्षण सामने आते हैं. बुखार आने के एक से तीन दिन बाद शरीर में रेशे उभरने लगते हैं, फिर चकत्ते, फुंसी और फफोले उभरते हैं. अंत में पपड़ी जमने से वह ठीक भी हो जाते हैं. आम तौर पर मंकीपॉक्स को ठीक होने से में दो से चार हफ्ते लगते हैं. इस बीमारी की चपेट में आने वालों की मृत्यु दर 10 फीसदी है.

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