कौन है वो मंत्री जिसके माता-पिता मजदूरी करके पालते हैं पेट ?
बेटे की नौकरी लग जाए तो फिर आराम से रहेंगे. बहुत से माता-पिता यही सोच कर अपने बच्चे की परवरिश करते हैं उसे पढ़ाते हैं. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे माता-पिता के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका बेटा मंत्री है लेकिन वह फिर भी मजदूरी करते हैं.
हम सभी ने अपने आसपास के तमाम नेताओं को देखा है उनके परिवारों को देखा है. एक बार मंत्री, विधायक या सांसद बनते हैं कायाकल्प हो जाता है. लेकिन तमिलनाडु के केंद्रीय राज्य मंत्री मुरूगन के मंत्री बनने के बाद उनके माता-पिता की जिंदगी में कोई बदलाव नहीं आया. मुरूगन के माता-पिता आज भी हाथों में फावड़ा लेकर खेतों में मजदूरी करते हुए आपको मिल जाएंगे.
तमिलनाडु के मुरूगन को अभी हाल ही में हुए कैबिनेट विस्तार में मत्स्य पालन, पशुपालन और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में राज्यमंत्री का दर्जा मिला है. लेकिन मजाल है कि उनके परिवार में उनके इस पद का जरा भी असर दिखाई दिया हो. उनके माता-पिता आज भी उसी परिस्थिति में है जैसा मुरूगन के मंत्री बनने से पहले थे.
तमिलनाडु के नमक्कल जिले के कुनूर गांव में रहने वाले लोग आज भी मुरूगन के माता-पिता की सादगी पर कुर्बान हैं. गांव वाले बताते हैं कि 5 साल पहले मंत्री जी के छोटे भाई की मौत हो गई थी तब से उनके माता-पिता अपने छोटे बेटे के बच्चों की परवरिश भी खुद ही करते हैं. और घर का खर्च चलाने के लिए दिहाड़ी मजदूरी करते हैं.
बेटे के मंत्री बनने के बाद नमक्कल के लोग यह उम्मीद कर रहे हैं कि बुजुर्ग दंपति की जिंदगी में कुछ परिवर्तन आएगा. लेकिन मुरूगन के माता पिता को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनके बड़े बेटे को केंद्र में राज्य मंत्री बनाया गया है. वह आज भी उसी सादगी से अपना जीवन यापन कर रहे हैं.
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