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Twitter ने मोहन भागवत समेत कई RSS नेताओं की शान में की गुस्ताखी, मोदी सरकार ने उठाया यह बड़ा कदम

Twitter ने मोहन भागवत के अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिया है. इससे पहले, कंपनी ने संघ के कई बड़े नेताओं के निजी अकाउंट को अनवेरिफाई किया था. इससे पहले, कंपनी ने संघ के कई बड़े नेताओं के निजी अकाउंट को अनवेरिफाई किया था.

मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के Twitter अकाउंट से ब्लू टिक क्यों हटा?

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर (Twitter) ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिया है. इससे पहले, कंपनी ने संघ के कई बड़े नेताओं के निजी अकाउंट को अनवेरिफाई किया था. यही नहीं, देश के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के पर्सनल अकाउंट से भी ब्लू टिकट हटाते हुए कहा था कि 6 महीने से अकाउंट लॉगइन नहीं हुआ था. सूत्रों के मुताबिक, ट्विटर ने कहा था कि छह महीने से लॉगइन नहीं हुआ इसलिए हटा दिया गया. सरकार इससे सख्ती से निपटेगी.

मोहन भागवत के अलावा संघ के नेताओं के अकाउंट से भी हटा ब्लू टिक

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के बड़े नेताओं के ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक (Twitter Blue Tick) को हटाया गया. जिन संघ नेताओं के अकाउंट से ब्लू टिक हटाया गया है, उनमें सह सर कार्यवाह सुरेश सोनी और संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार शामिल हैं. इसके अलावा संघ नेताओं सुरेश जोशी और कृष्णगोपाल के हैंडल से भी ब्लू टिक हटाया गया है.

मोदी सरकार ने Twitter के खिलाफ उठाया यह बड़ा कदम

मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी (MeitY) के ग्रुप कॉर्डिनेटर राकेश माहेश्वरी द्वारा 5 जून को twitter को लिखी चिट्ठी में कहा गया है कि ट्विटर के पत्र में न तो नए डिजिटल नियमों को लागू करने पर स्पष्टीकरण दिया है और न ही उसे अमल में लाया है. मंत्रालय ने नए डिजिटल नियमों पर 26 मई, 2021 और 28 मई 2021 को लिखे पत्र के आलोक में लिखा है कि ट्विटर ने आज तक कम्प्लायंस ऑफिसर, शिकायत निवारण अधिकारी और नोडल अफसर का विवरण मुहैया नहीं कराया है. पत्र में कहा गया है कि ट्विटर का ऑफिस एड्रेस भी एक लॉ फर्म का है, जो नियमानुकूल नहीं है.

मंत्रालय ने अपनी चिट्ठी में साफतौर पर कहा है कि अगर ट्विटर ने नए डिजिटल नियमों को नहीं माना तो IT एक्ट 2000 की धारा 79 के तहत उसका ‘इंटरमीडियरी’ का कानूनी दर्जा खत्म किया जा सकता है.

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