Yellow Fungus: ब्लैक फंगस और व्हाइट फंगस के बाद अब यैलो फंगस का मामला सामने आया है. दिल्ली-एनसीआर में यैलो फंगस का पहला मामला सामने आया है.
Yellow Fungus: ब्लैक फंगस और व्हाइट फंगस के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. ऐसे में अब यैलो फंगस ने दस्तक दे दी है. बता दें कि यैलो फंगस का पहला मामला गाजियाबाद से सामने आया है. बता दें कि व्हाइट फंगस को ब्लैक फंगस से ज्यादा खतरनाक माना जाता है. वहीं यैलो फंगस को व्हाइट फंगस से खतरनाक माना जाता है.
Yellow Fungus के लक्षण
- सुस्ती, कम भूख लगना या बिल्कुल भी भूख न लगा
- वजन कम होना और कमजोरी महसूस होना
यैलो फंगस में समय के साथ इसके गंभी रक्षण भी दिखने लगते हैं. जिसके बाद मवाद का रिसाव होना, खुले घाव का धीमी गति से ठीक होना, कुपोषण, ऑर्गन फेलियर और आंखों का धंसना इसके लक्षण में शामिल है.
बीमारी का कारण
यैलो फंगस का मुख्य कारण आसपास गंदगी का होना बताया जाता है. ऐसे में घर के आसपास साफ सफाई रखना, व पुराने सड़े गले खाद्य पदार्थों को आस पास से हटाना बेहद जरूरी है.
Yellow Fungus है बहुत घातक
बता दें कि यैलो फंगस एक घातक बीमारी है. ऐसे में अगर किसी भी लक्षण को आप अपने शरीर में पाते हैं तो आपको फौरन डॉक्टरी सलाह लेने की आवश्यकात है. यैलों फंगस का केवल amphotericin b एक इंजेक्शन है. इसी के जरिए इसका इलाज किया जाता है.
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