डॉक्टर केके अग्रवाल के निधन ने वैक्सीन को लेकर एक नई बहस को जन्म दे दिया है. वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद भी वह कोरोना से जंग हार गए.
पद्मश्री से सम्मानित भारत के जाने-माने हृ्दय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर केके अग्रवाल ने वैक्सीन की दोनों डोज़ ले ली थी. दूसरी डोज़ लिए हुए उन्हें 15 दिन से ज़्यादा हो गए थे. लेकिन सोमवार देर रात वो कोरोना से जंग हार गए. डॉ अग्रवाल पिछले करीब 1 साल से लोगों को कोरोना महामारी और उसके प्रभावों के बारे में जागरूक कर रहे थे. हार्ट केयर फाउंडेशन की ओर से जारी होने वाले उनके यूट्यूब वीडियो कोरोना काल में खूब देखे गए. लेकिन जब सोमवार को उन के कोरोना से निधन होने की खबर आई तो सभी चौंक गए.
डॉक्टर केके अग्रवाल का निधन कैसे हुआ?
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आँकड़ों के मुताबिक़ कोरोना की दूसरी लहर में 269 डॉक्टर अपनी जान गंवा चुके हैं, हालांकि उन्होंने इसको स्पष्ट नहीं किया है कि इनमें से कितने डॉक्टर्स ऐसे हैं, जो वैक्सीन की दोनों डोज़ ले चुके थे. डॉक्टर केके अग्रवाल भी उन्हीं डॉक्टर्स में शामिल हैं. यहाँ ये भी ध्यान देने वाली बात है कि भारत सरकार ने 16 जनवरी 2021 से कोरोना के ख़िलाफ़ टीकाकरण अभियान की शुरुआत की थी. पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन लगाई गई थी. इसी वजह से डॉक्टर केके अग्रवाल की मौत के बाद सवाल खड़े हो रहे हैं कि वैक्सीन के दोनों डोज़ के बाद भी क्या मौत का ख़तरा है?
डॉ केके अग्रवाल के सबक, वैक्सीनेशन के बाद भी एहतियात जरूरी
वैज्ञानिकों के मुताबिक़ वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए वैक्सीनेशन ही प्रभावी तरीका है. इस रिपोर्ट का मक़सद वैक्सीन के प्रति संदेह पैदा करना बिल्कुल नहीं है. इसका मक़सद केवल आपको आगाह करना है कि वैक्सीन लगने के बाद सभी एहतियातों का पालन करें. क्योंकि डॉक्टर केके अग्रवाल का निधन इस बात की ओर इशारा करता है इस महामारी से जुड़ी सभी जानकारियां होने के बावजूद भी आपको यह अपनी चपेट में ले सकता है.
क्या है कोरोना वैक्सीन को लेकर सरकार का दावा?
कोरोना की वैक्सीन को लेकर अब तक जो तथ्य भारत सरकार और वैक्सीन निर्माताओं की तरफ़ से रखे गए हैं, उससे यही पता चलता है कि वैक्सीन की दो डोज़ लगने के 15 दिन बाद अगर आपको कोरोना संक्रमण होता भी है तो अस्पताल जाने, आईसीयू और वेंटिलेर तक पहुँचने की नौबत नहीं आएगी. लेकिन डॉक्टर केके अग्रवाल की मौत के बाद अब यह सवाल भी पूछा जाने लगा है जैसे कितने मृतक हैं जिन्होंने वैक्सीन की दोनों डोज ले ली थी.
अब तक ऐसी कितने मौतें भारत में हुई हैं? यही सवाल मंगलवार को प्रेस कॉन्फ़्रेस में पूछा गया. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने इस पर जवाब देते हुए कहा, “वैक्सीन लेने के बाद कोरोना से संक्रमित होने का ख़तरा बहुत ही कम हो जाता है. वैक्सीन एफ़ीकेसी के डेटा भी कहते हैं कि कुछ ही प्रतिशत लोगों में संक्रमण होने का ख़तरा वैक्सीन लगने के बाद भी होता है. आँकड़े बताते हैं कि भारत में ऐसा बहुत ही कम लोगों के साथ हुआ है. आईसीएमआर ने इससे पहले इस तरह के इंफेक्शन का डेटा साझा किया है.”
नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने इसके जवाब में कहा कि अगली प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बारे में विस्तृत डेटा साझा करेंगें.
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