गर्भावस्था में टीका कैसे लगवाएं और क्या ये सुरक्षित है ? कोविड-19 के गंभीर खतरे से घिरे समूह में गर्भवती महिलाएं इसी सवाल से जूझ रही हैं.
गर्भावस्था के 25वें हफ्ते में अगर आपके पास स्पष्ट मेडिकल सलाह नहीं है तो आप गर्भावस्था में टीका लगवाने को लेकर परेशान होंगी ही. लेकिन दुनियाभर में गर्भावस्था में टीकाकरण को लेकर क्या कहा जा रहा है? अमेरिका में महीनों से गर्भवती औरतों को टीका लगाया जा रहा है. अमेरिका के अतिरिक्त, ब्रिटेन और बेल्जियम जैसे देशों ने भी गर्भवतियों को टीके की सिफारिश कर दी है. उन्हें प्राथमिकता के आधार पर टीके लग रहे हैं. लेकिन जर्मनी मे टीकाकरण की स्थायी समिति (स्टाइको) ने इस बारे में अभी तक सिफारिश नहीं दी है, न तो गर्भावस्था में या नवजात शिशुओं को स्तनपान कराने के समय.
गर्भावस्था में टीका कितना सुरक्षित ?
अप्रैल में स्टाइको ने गर्भावस्था में टीकाकरण न कराने का सिफारिश की थी. उसका कहना था कि सिर्फ उन्हें ही टीका लगाया जाना चाहिए जो कोविड-19 के गंभीर रूप से पीड़ित मरीज हैं. लेकिन तमाम जोखिमों से जुड़ी पूरी जांच पड़ताल और व्यक्ति को पूरी तरह सूचित कर देने के बाद टीका लगाया जा सकता है. बुनियादी रूप से इसका मतलब ये हुआ है कि टीका सिर्फ अकेले, अपवाद वाले मामलों में ही लग सकता है और व्यक्ति के अपने जोखिम पर.
गर्भावस्था में ज्यादा गंभीर मामले
सितंबर 2020 से गर्भवती महिलाएं हाईरिस्क वाले वर्ग में हैं. ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन ने 190 अध्ययनों के डाटा की समीक्षा की जिसमें 68 हजार महिलाएं शामिल थीं. नतीजे असंदिग्ध थेः गर्भवती महिलाओं में पांच गुना मामले बगैर किसी लक्षण वाले थे लेकिन संक्रमण के बाद उन्हें इंटेन्सिव केयर या कृत्रिम श्वसन की जरूरत होगी, इसका जोखिम दोगुना था.
कोविड-19 से मृत्यु का जोखिम भी उतना ही अधिक था, हर दस हजार मामलों में दो मौतें. डायबिटीज या मोटापे जैसी बीमारियां या 35 साल से ऊपर की उम्र भी जोखिम को बढ़ा सकती है. औसतन गर्भवती महिलाओं का जोखिम उसी स्तर का है जितना की 70 से 84 साल वाले लोगों में हो सकता है.
एमआरएनए वैक्सीन को तरजीह
वैसे गर्भवती महिलाओं को एमआरएनए वैक्सीन लेने की सलाह दी गयी है. ये हैं बायोनटेक/फाइजर और मॉडर्ना वैक्सीनें. लेकिन कई महिलाएं, जो गर्भवती हैं और गर्भावस्था में टीका लगाने को तैयार हैं, उन्हें अभी भी टीका नहीं लग पा रहा है क्योंकि बताया जाता है कि डॉक्टर भी किसी तरह का जोखिम उठाने से बच रहे हैं. बात घूमफिरकर गर्भवती महिलाओं पर आकर ही टिक जाती है. उन्हें ही ये तय करना होगा कि कोविड-19 के संक्रमण का जोखिम ज्यादा है या टीका लगाने का.
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