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गोमूत्र और गोबर से बढ़ती है इम्यूनिटी, कोरोना संक्रमण रोकने में कारगर है गाय ?

गोमूत्र और गोबर ( Gomutra aur Gobar) में कोरोना संक्रमण का इलाज बता रहे लोग अफवाह फैला रहे हैं. कृपा करके इन अफवाहों पर ध्यान ना दें.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में लोग गोमूत्र और गोबर को शरीर पर लगाकर कोरोना संक्रमण का इलाज कर रहे हैं. उनका मानना है कि ऐसा करने से कोरोना भाग जाएगा. लेकिन डॉक्टरों का मानना है कि वह ऐसा ना करें. डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि कोविड-19 से बचने के लिए गाय के गोबर पर भरोसा न करें.

गोमूत्र और गोबर के दीवाने सांसद विधायक

भारतीय जनता पार्टी के कई सांसदों और विधायकों ने गोमूत्र और गोबर की वकालत की है. उनका मानना है की महामारी से निपटने में गाय का गोबर और पेशाब रामबाण है. लेकिन सच्चाई किसी से छिपी नहीं है. कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर भारत में पिछले दो महीने से कहर बरपा रही है. पिछले साल महामारी शुरू होने के बाद से अब तक दो लाख 46 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है जिनमें से 50 हजार से ज्यादा लोग अप्रैल से अब तक मरे हैं.

अस्पताल और ऑक्सीजन के लिए मारे मारे फिर रहे लोग

देश में संक्रमण के मामलों की संख्या दो करोड़ 26 लाख के पार जा चुकी है. हालांकि कई जानकारों का मामला है कि असली संख्या दस गुना ज्यादा हो सकती है. इस बीच लोग अस्पताल, ऑक्सीजन और दवाइयों के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं. श्मशान घाटों के बार शवों की लंबी लाइनों वाली डरावनी तस्वीरें सोश मीडिया पर शेयर हो रही हैं. इस सबके बीच लोगों के बीच ऐसी बातें भी साझा हो रही हैं कि शरीर पर गाय के गोबर के लेप से कोविड-19 नहीं होता. गुजरात में कुछ लोग इसी उम्मीद में अपने शरीर पर गोमूत्र और गोबर का लेप करने के लिए गोशालाओं में पहुंच रहे हैं.

जिम्मेदार लोग फैला रहे हैं अफवाह

गुजरात में गोमूत्र और गोबर की मांग अचानक बढ़ गई है. लोगों को लग रहा है कि गाय से मिलने वाली यह दोनों चीज में उन्हें कोरोना महामारी से बचाएंगे. यह पागलपन तब है जब श्मशान घाटों पर शवों की लंबी लाइनों वाली डरावनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर हो रही हैं. इस सबके बीच लोगों के बीच ऐसी बातें भी साझा हो रही हैं कि शरीर पर गाय के गोबर के लेप से कोविड-19 नहीं होता. गुजरात में कुछ लोग इसी उम्मीद में अपने शरीर पर गाय के गोबर और पेशाब का लेप करने के लिए गोशालाओं में पहुंच रहे हैं.

गोमूत्र और गोबर से संभव है कोरोना का इलाज?

हिंदू धर्म में गाय एक पवित्र प्राणी है. उसे धरती माता का प्रतीक माना जाता है और सदियों से बहुत से हिंदू घरों में गाय के गोबर से फर्श लीपा जाता है. माना जाता है कि इस गोबर में औषधीय गुण होते हैं. लेकिन इससे कोरोना का इलाज हो सकता है इसको लेकर लोगों के अपने-अपने दावे हैं. कुछ लोगों का मानना है कि गोबर के लेप इम्युनिटी बढ़ती है और कोरोना से उबरने में मदद मिलती है.

यहां गोमूत्र और गोबर से हो रहा है कोरोना का इलाज

श्री स्वामीनारायण विश्वविद्या प्रतिष्ठानम में थेरेपी के लिए आने वाले लोग अपने शरीर पर गाय के पेशाब और गोबर का लेप करते हैं और फिर उसके सूखने का इंतजार किया जाता है. पिर वे गायों को गले लगाते हैं और योगासन करते हैं. इसके बाद दूध या दही से उन्हें नहलाया जाता है. लेकिन देश और दुनिया के कई डॉक्टर बार-बार कहते रहे हैं कि इस तरह की वैकल्पिक थेरेपी के कोविड-19 पर असर के कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं.

मेडिकल साइंस के जानकार और डॉक्टर मानते हैं, कि ऐसा कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि गाय के गोबर या पेशाब से कोविड-19 के खिलाफ इम्यूनिटी बढ़ती है. यह बस आस्था का मामला है. ऐसे उत्पादों का इस्तेमाल करने या सेवन करने से स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है. जानवरों से कई अन्य बीमारियां भी इन्सानों को हो सकती हैं.

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