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ममता बनर्जी की ‘मां किचन’ का दांव, पश्चिम बंगाल में हराएगा BJP को चुनाव?

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं चुनावी सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं. ममता बनर्जी की मां किचन का दाम क्या पश्चिम बंगाल में बीजेपी को चुनाव हराएगा?

ममता बनर्जी की ‘मां किचन’ गरीबों को सिर्फ ₹5 में भरपेट भोजन कराएगी. ममता बनर्जी ने सोमवार को ‘मां किचन’ शुरू किया है, जिसमें लोगों को महज 5 रुपए में भरपूर खाना मिलेगा. बीजेपी ने इसे चुनावी थाली बताया है और दिलीप घोष ने ममता पर हमला भी बोला है. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों (West Bengal Assembly Elections 2021) में कुछ वक्त ही रह गया है, इसके पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने कर्नाटक की इंदिरा कैंटीन और तमिलनाडु की अम्मा कैंटीन की तर्ज पर ‘मां किचन’ शुरू किया है. इस किचन में लोगों को ऊंचे सब्सिडी दामों पर पोषणभरा खाना मिलेगा. मां किचन की थाली में लोगों को महज 5 रुपए में चावल, सब्जी, दाल और एक अंडा मिलेगा. भारतीय जनता पार्टी ने इस स्कीम को चुनावी स्टंट बताकर खारिज कर दिया है. हालांकि, इसके बाद तृणमूल कांग्रेस ने भी इस ओर ध्यान दिलाया है कि चुनावों से कुछ महीने पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य में कई इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट लॉन्च किए हैं.

ममता बनर्जी की ‘मां किचन’ की खास बात

अपनी इस नई योजना के लॉन्चिंग पर सचिवालय- नबन्ना- में मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘यह मां किचन है. हमें अपनी मां पर गर्व हैं. जहां भी कोई मां होगी वहां चीजें अच्छी होंगी. हम सब अपनी माओं को सलाम करते हैं.’ बता दें कि ममता बनर्जी की यह तीसरी गरीबों को ध्यान में रखकर लाई गई योजना है. इसके पहले वो फ्लैगशिप योजनाएं- दुआरे सरकार (सरकार आपके दरवाजे पर) और स्वास्थ्य साथी (हेल्थ इंश्योरेंस की योजना) शुरू कर चुकी हैं. सोमवार से इन योजनाओं को कोलकाता में शुरू किया गया है, जिसे पूरे राज्य में शुरू किया जाएगा.

बीजेपी को नहीं भायी ममता की ‘मां किचन’

बीजेपी ने इस घोषणा पर सरकार पर हमला किया है. बंगाल बीजेपी के चीफ दिलीप घोष ने कहा कि ‘बंगाल के लोगों के पास खाना खरीदने तक के पैसे नहीं है, इसलिए उनको मां कैंटीन चलानी पड़ रही है ताकि उन्हें पांच रुपए में खाना मिल सके. उन्होंने साबित कर दिया है कि वो असफल रही हैं. लोग भिखारी बन गए हैं और उन्हें पांच रुपए में खाना खिलाना पड़ रहा है.’ तृणमूल ने इस पर पलटवार कहते हुए कहा कि बीजेपी को बस चुनावों के वक्त ही बंगाल की याद आती है. 

पश्चिम बंगाल के शहरी विकास मंत्री फिरहद हाकिम ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री बस चुनावों के वक्त ही इतनी बार यहां क्यों आते हैं? वो यहां परियोजनाओं के उद्घाटन के लिए आए हैं. वो लोग फालतू के सवाल उठा रहे हैं. यह कोई चुनावी थाली नहीं है. कन्याश्री, रूपाश्री, स्वास्थ्य साथी सभी योजनाएं अच्छे से काम कर रही हैं.’

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