पंचायतीराज विभाग द्वारा इस बार होने जा रहे त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के लिए घोषित आरक्षण ब्यौरे से कहीं खुशी कहीं गम जैसा माहौल है. उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर जारी हुए आरक्षण में क्या अलग है पढ़िए.
- आजमगढ़ और जौनपुर में आरक्षित किए गए हैं। इन दोनों जिलों में ग्राम पंचायतों की संख्या अन्य जिलों के मुकाबले सबसे ज्यादा है। आजमगढ़ जिले में कुल 1858 ग्राम पंचायतें हैं। इनमें से प्रधान पद के लिए अनुसूचित जनजाति के वास्ते कोई पद आरक्षित नहीं किया गया है जबकि अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए 150 व अनुसूचित जाति (महिला/पुरुष) के लिए कुल 277 पद यानि कुल 427 पद आरक्षित किये गये हैं। पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए कुल 178 और पिछड़ा वर्ग (महिला/पुरूष) के लिए 326 यानि कुल 504 पद आरक्षित हुए हैं। यहां किसी भी जाति या वर्ग की महिलाओं के लिए कुल 299 पद प्रधान पद के वास्ते आरक्षित हुए हैं। जबकि ग्राम प्रधान के अनारक्षित पदों की संख्या 628 है।
- प्रयागराज जिला एक ऐसा जिला होगा, जहां महिलाएं सबसे ज्यादा ब्लाॅक प्रमुख की कुर्सी पर विराजेंगी। इस बार होने जा रहे पंचायत चुनाव में महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा ब्लाॅक प्रमुख के पद आरक्षित किये गये हैं। प्रदेश में प्रयागराज ही वह जिला है जहां सबसे ज्यादा कुल 23 विकास खंड हैं। इन 23 विकास खंडों में से ब्लाक प्रमुख के 15 पद आरक्षित और 8 पद अनारक्षित हुए हैं। अनुसूचित जाति की महिला के लिए 2, अनुसूचित जाति (महिला/पुरूष) के लिए तीन यानि कुल पांच ब्लाक प्रमुख के पद आरक्षित हुए हैं।
- प्रयागराज में अन्य पिछड़ा वर्ग की महिला के लिए दो व अन्य पिछड़ा वर्ग (महिला/पुरुष) के लिए चार यानि कुल छह ब्लाक प्रमुख के पद आरक्षित किये गये हैं। किसी भी जाति या धर्म की महिला के लिए कुल चार व अनारक्षित ब्लाक प्रमुख के कुल 8 पद आरक्षित हुए हैं।
- जौनपुर में 21 विकास खंड हैं। यहां अनुसूचित जाति की महिला के लिए 2 व अनुसूचित जाति (महिला/पुरूष) के लिए 2 पद यानि कुल 4 पद आरक्षित हुए हैं। अन्य पिछड़ा वर्ग की महिला के लिए यहां दो व अन्य पिछड़ा वर्ग (महिला/पुरूष) के लिए 4 पदों यानि कुल 6 पदों पर आरक्षण किया गया है। यहां किसी भी धर्म या जाति की महिला के लिए तीन और सात ब्लाक प्रमुख के पदों को अनारक्षित किया गया है।
- यूपी पंचायत चुनाव के लिए इटावा में जिला पंचायत पद पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है. समाजवादी पार्टी का यहां वर्चस्व रहा है. शिवपाल यादव, प्रोफेसर राम गोपाल यादव से लेकर नई पीढ़ी में अखिलेश यादव के चचेरे भाई अभिषेक यादव यहां से जीत दर्ज कर चुके हैं.
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