भारत ने दूसरे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया को आठ विकेट से हरा दिया है. चार टेस्ट मैचों की सिरीज़ में भारत और ऑस्ट्रेलिया 1-1 की बराबरी पर आ गए हैं. भारत ने यह मैच विपरीत हालात में जीते हैं. टीम के कई अहम खिलाड़ी मैच से बाहर हैं. यहाँ तक कि उमेश यादव को तीन ओवर के बाद ही बाहर होना पड़ा था.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में शर्मनाक हार का सामना करने के बाद टीम इंडिया ने दूसरे टेस्ट मैच में यह कमाल कैसे कर दिया? अजिंक्य रहाणे ने विराट कोहली के स्वदेश वापसी के बाद मिली कप्तानी में ऐसा क्या किया कि दूसरे टेस्ट में टीम इंडिया बदली बदली नजर आई. यह बताने से पहले मैं आपको दूसरे टेस्ट के स्कोर कार्ड के बारे में बताना चाहता हूं.
दूसरा टेस्ट मैच, मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (चौथा दिन)
- ऑस्ट्रेलिया- पहली पारी- 195 (लाबुशेन 48, बुमराह 4-56), दूसरी पारी- 200-10 (कैमरोन ग्रीन-45, मोहम्मद सिराज3-37)
- भारत- पहली पारी- 326 (रहाणे 112, जडेजा 57, लियोन 3-72)
- ऑस्ट्रेलिया को 69 रन की बढ़त, जीत के लिए भारत को चाहिए महज़ 70 रन
- भारत ने दूसरी पारी में 70 रन का लक्ष्य दो विकेट खोकर 15.5 ओवर में हासिल कर लिया
यह लेखा-जोखा है भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए दूसरे टेस्ट मैच का. मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर हुए दूसरे मैच में भारतीय टीम पहले दिन से ही मेजवानों पर हावी रही. और इस शानदार प्रदर्शन का क्रेडिट जाता है टीम इंडिया के कप्तान अजिंक्य रहाणे. भारत बिना विराट कोहली के खेल रहा है. विराट कोहली पहले बच्चे के पिता बनने वाले हैं और वो एडिलेड टेस्ट के बाद छुट्टी पर चले गए थे. उमेश यादव को भी चोट के कारण 3.3 ओवर के बाद ही बाहर होना पड़ा और रहाणे ने किसी तरह गेंदबाज़ी अटैक को बनाए रखा. तेज़ गेंदबाज़ ईशांत शर्मा और मोहम्मद शमी पहले से चोट के कारण बाहर हैं. रोहित शर्मा अब तक इस सिरीज़ में शामिल नहीं हो पाए हैं. स्टार खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में भी मिली यह जीत भारत के आत्मविश्वास को 4 गुना कर देगी.
रहाणे ने कैसे किया यह कमाल?
यह किसी चमत्कार और सुखद आश्चर्य से कम नहीं है, क्योंकि टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में अपने सबसे कम स्कोर पर आउट होना और अगले मैच में तब जबकि लगभग आधी टीम बदली हुई हो, वह भी जिसमें दो खिलाड़ी अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे हों और तो और विराट कोहली की जगह बतौर कप्तान टीम की बागडोर संभालना हो और वो भी विदेशी धरती पर तो ये आसान तो बिल्कुल नहीं कहा जाएगा. रहाणे जब टॉस के लिए उतरे तो शायद ही किसी को यक़ीन रहा हो कि यह मैच इस कदर भारतीय टीम के पक्ष में झुका हुआ दिखेगा. ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने का फ़ैसला किया, लेकिन पहले ही दिन चायकाल तक पता चल गया कि अजिंक्य रहाणे कप्तान के तौर पर किस मिट्टी के बने हैं.
रहाणे ने जमाया करियर का 12वां शतक
ऑस्ट्रेलिया टीम को भारतीय गेंदबाज़ पहली पारी में केवल 195 रन पर सिमटा चुके थे. और इसके बाद कप्तान की पारी खेलते हुए अजिंक्य रहाणे ने बेहद शानदार बल्लेबाज़ी करते हुए अपने टेस्ट करियर का बारहवाँ और बतौर कप्तान पहला टेस्ट शतक जमाया. रहाणे के शतक की बदौलत पहली पारी में भारत 326 रन बनाकर 131 रन की महत्वपूर्ण बढ़त लेने में कामयाब रहा. रहाणे ने रन आउट होने से पहले 112 रन बनाए. विराट कोहली ने भी रहाणे की तारीफ करते हुए इसे सबसे बेहतरीन शतकीय पारी बताया. कप्तान अजिंक्य रहाणे की कप्तानी का कमाल ये है कि अजिंक्य रहाणे ने जिस तरह ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ों को अपनी कप्तानी के जाल में फंसाया उसने सभी को चौंका दिया.
रहाणे ने ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज़ बल्लेबाज़ स्टीव स्मिथ पर ऐसा दबाव बनाया कि वह एक बार फ़िर दोनों पारियों में कुछ ख़ास नहीं कर सके. 65 की औसत से सात हज़ार से अधिक टेस्ट रन बना चुके इस दशक के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट बल्लेबाज़ चुने गए स्टीव स्मिथ को बांधना आसान नहीं है. रहाणे की कप्तानी में एक सूझबूझ तब भी देखने को मिली जब पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया के पुछल्ले बल्लेबाज़ तेज़ी से खेलकर रन बटोर रहे थे. तब उन्होंने गेंद स्पिनर रवींद्र जडेजा को थमाई और फिल्डर्स को थोड़ा पीछे रखा ताकि वह आसानी से ऊँचे शॉट्स को कैच में बदल सकें. इसके अलावा नए गेंदबाज़ मोहम्मद सिराज को भले ही लंच के बाद गेंदबाज़ी के लिए वो लाए लेकिन इस दौरान लगातार उनसे बात करते रहे और उनका मनोबल बनाए रखा.
रहाणे के लिए बेहद अहम थी यह सीरीज
जब सब अच्छा हो तो क्या बुरा हुआ, याद नहीं आता. लेकिन अजिंक्य रहाणे के लिए तो यह सिरीज़ मेक और ब्रेक वाली थी. सिरीज़ से पहले उनका बल्ला न केवल आईपीएल में ख़ामोश रहा बल्कि पिछली कुछ टेस्ट सिरीज़ में भी वह नाकाम रहे. यहाँ तक कि एक समय तो वे एकदिवसीय क्रिकेट में टीम से इसलिए बाहर हुए क्योंकि कहा गया कि उनके पास शॉट्स नहीं हैं. इसके बावजूद उन्होंने अपना आत्मविश्वास नहीं खोया और मौक़े का इंतज़ार करते रहे. वैसे रहाणे इससे पहले अपनी घरेलू पिचों पर ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 2017 में धर्मशाला में और 2018 में बेंगलुरु में अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ कप्तानी कर चुके हैं और दोनों ही मैच में जीत भारत की हुई थी. इसके अलावा रहाणे ने 2015 में ज़िम्बॉब्वे के ख़िलाफ़ हरारे में खेली गई एकदिवसीय सिरीज़ भी 3-0 से जीती थी. मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट में मिली यह जीत न सिर्फ अजिंक्य रहाणे के लिए बल्कि टीम इंडिया के लिए भी आत्मविश्वास में बढ़ोतरी करने वाली है.
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