किसान मार्च: कृषि कानून के खिलाफ आरपार के मूड में अन्नदाता
मोदी सरकार के कृषि क़ानून के खिलाफ़ किसानों के ‘दिल्ली चलो’ विरोध प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए दिल्ली-फ़रीदाबाद सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. लेकिन अन्नदाता हर हाल में हल्ला बोल की तैयारी करके आए हैं. और वो दिल्ली सीमा पर डट गए हैं.
कृषि से जुड़े केंद्र सरकार के तीन क़ानूनों के विरोध में पंजाब, हरियाणा के किसानों ने ‘दिल्ली चलो’ के आह्वान के साथ सरकार पर हल्ला बोल दिया है. सितंबर महीने में संसद में पास हुए केंद्र सरकार के तीन कृषि क़ानूनों का देशभर के किसान संगठनों विरोध कर रहे है. इसके अलावा, विपक्षी पार्टियों ने भी इन कानूनों को लेकर कड़ा एतराज जताया है. लेकिन मोदी सरकार पीछे हटने को तैयार नहीं है इसलिए अब अन्नदाता ने आगे बढ़ने का फैसला किया है. और इस फैसले से पंजाब, हरियाणा और दिल्ली समेत केंद्र की मोदी सरकार भी तिलमिला गई है.
कृषि कानून का विरोध क्यों हो रहा है?
किसान संगठनों का आरोप है कि नए क़ानून के लागू होते ही कृषि क्षेत्र भी पूँजीपतियों या कॉरपोरेट घरानों के हाथों में चला जाएगा और इसका नुक़सान किसानों को होगा. उनका कहना है कि जिन उत्पादों पर किसानों को एमएसपी नही मिलती, उन्हें वो कम दाम पर बेचने को मजबूर हो जाते हैं. पंजाब में होने वाले गेहूँ और चावल का सबसे बड़ा हिस्सा या तो पैदा ही एफ़सीआई द्वारा किया जाता है, या फिर एफ़सीआई उसे ख़रीदता है.
साल 2019-2020 के दौरान रबी के मार्केटिंग सीज़न में, केंद्र द्वारा ख़रीदे गए क़रीब 341 लाख मीट्रिक टन गेहूँ में से 130 लाख मीट्रिक टन गेहूँ की आपूर्ति पंजाब ने की थी. प्रदर्शनकारियों को यह डर है कि एफ़सीआई अब राज्य की मंडियों से ख़रीद नहीं कर पाएगा, जिससे एजेंटों और आढ़तियों को क़रीब 2.5% के कमीशन का घाटा होगा. साथ ही राज्य भी अपना छह प्रतिशत कमीशन खो देगा, जो वो एजेंसी की ख़रीद पर लगाता आया है.
‘किसानों को किसी भी कीमत पर रोकें’
हरियाणा पुलिस को सरकार ने सख्त आदेश दिए हैं कि किसानों को किसी भी कीमत पर दिल्ली तक नहीं पहुंचने देना है. इसलिए हरियाणा के बॉर्डर पर घेराबंदी की गई है और कई किसानों को हिरासत में भी लिया गया है. फ़रीदाबाद पुलिस ने कहा है कि ‘हमें साफ़ निर्देश दिए गए हैं कि भारतीय किसान संगठन के एक भी सदस्य को दिल्ली में घुसने नहीं देना है.दिल्ली से सटी हर सीमा पर हमने पुलिस बल तैनात किया है.’ हरियाणा ने पंजाब से लगने वाली सीमा दो दिन यानी गुरुवार और शुक्रवार के लिए सील कर दिया है.
वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा है कि ‘किसी भी प्रदर्शनकारी को दिल्ली में दाख़िल होने की इजाज़त नहीं है, अगर कोई भी प्रदर्शनकारी दिल्ली आते हैं तो उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना होगा. दिल्ली पुलिस ने विरोध प्रदर्शन करने वाली संस्थाओं को ये जानकारी लिखित और सोशल मीडिया के हवाले से दे दी है.’ लेकिन दूसरी तरफ किसानों का कहना है की जहां भी पुलिस समय रुकेगी हम वहीं बैठ कर विरोध करेंगे.
पुलिस ने किसानों पर की पानी की बौछारें
अंबाला में किसानों को रोकने के लिए प्रशासन की ओर से उनपर पानी की बौछारें की गई. हालांकि इसके बावजूद किसाने आगे बढ़ते रहे. अन्नदाता के आक्रोश को देखते हुए हरियाणा ने दो दिन के लिए पंजाब से चलने वाली सभी बस सेवाएं रोक दी हैं. राज्य में कही भी भारी संख्या पर भीड़ जुटने पर रोक लगा दी गई है. दिल्ली की ओर बढ़ते किसानों के काफिले को देखकर या अंदाजा लगाया जा सकता है कि अन्नदाता अब आर-पार के मूड में है.
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