BJP के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत उर्फ़ जय पंडा और उनकी पत्नी मंगत पंडा पर दलितों की ज़मीन हड़प करने के आरोप में ओडिशा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने दोनों के ख़िलाफ़ एक केस दायर किया है.
31 अक्तूबर को ओडिशा पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और ओडिशा भूसंस्कार क़ानून के तहत ओडिशा इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड (ओआईपीएल) के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की थी. जय और जगी इस कंपनी के प्रमोटर हैं. ओआईपीएल पर आरोप है कि 2010 से 2013 के बीच कंपनी ने खुर्दा ज़िले के सारूआ गांव में ग़ैर-क़ानूनी ढंग से 22 दलितों से 7.924 एकड़ ज़मीन ख़रीदी. पंडा दंपति ने इस मामले में ओडिशा हाईकोर्ट में पुलिस के केस के ख़िलाफ़ एक याचिका दायर की थी जिसे कोर्ट ने शुक्रवार को ख़ारिज कर दिया. साथ ही अदालत ने पाँच नवंबर को जय और जगी को दी गई अंतरिम सुरक्षा हटा दी. हाईकोर्ट के इस निर्णय के बाद जय और जगी की गिरफ़्तारी का रास्ता साफ़ हो गया है.
आदिवासियों और दलितों की ज़मीन को ग़ैर-आदिवासी/दलित नहीं ख़रीद सकते
ओडिशा में आदिवासियों और दलितों की ज़मीन को ग़ैर-आदिवासी/दलित नहीं ख़रीद सकते हैं. केवल विशेष परिस्थितियों में और ज़िलाधीश की अनुमति मिलने पर ही एक दलित, किसी ग़ैर-दलित को अपनी ज़मीन बेच सकता है. लेकिन ऐसी अनुमति मिलना आमतौर पर काफ़ी मुश्किल होता है. ओआईपीएल पर आरोप है कि उसने इस क़ानून से बचने के लिए रवि सेठी नाम के अपने एक दलित कर्मचारी का इस्तेमाल किया, जो पंडा परिवार के ओड़िया टीवी चैनल ‘ओटीवी’ में ड्राइवर की नौकरी किया करते थे. ओआईपीएल ने रवि के ज़रिए 22 दलितों से ज़मीन ख़रीदवा कर अपने नाम करवा लिया.
आरोप ये भी है कि ख़रीद-फ़रोख़्त के दस्तावेज़ में तो यह दिखाया गया है कि रवि ने यह ज़मीन 22 लाख में ख़रीदी और फिर उस ज़मीन को ओआईपीएल को 65 लाख में बेच दिया लेकिन असल में रवि और ओआईपीएल के बीच पैसे का कोई लेनदेन नहीं हुआ. केवल ज़मीन संबंधी काग़ज़ात पर उसके हस्ताक्षर लिए गए. एफ़आईआर में बताया गया है कि रवि का वेतन सिर्फ़ आठ हज़ार रुपये प्रति महीना था और 22 लाख देकर ज़मीन ख़रीदने की उनकी हैसियत नहीं थी.
जगी पंडा ने भी इस मामले में सफाई
जगी पंडा ने कहा है जो उनके ऊपर लगे सभी आरोप निराधार हैं. उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक बदले की भावना से उनके खिलाफ काम कर रहे हैं. जगी ने कहा कि ओटीवी ने जिस तरह नवीन पटनायक सरकार में हुए भ्रष्टाचार को उजागर किया है, उससे नाराज़ होकर सरकार ने पिछले कुछ हफ़्तों में उनकी कंपनियों, कर्मचारियों और परिवार के सदस्यों पर लगभग 20 मामले दायर किए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि ‘सभी मामलों में पुलिस ने पक्षपात किया है और सारे नियमों को ताक पर रखा.’ आपको बता दें जगी पंडा कभी बीजू जनता दल अध्यक्ष और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के सबसे क़रीबी दोस्तों में से एक थे. वह बीजेडी का प्रमुख चेहरा हुआ करते थे लेकिन 2019 के चुनाव में जब भाजपा ने जय को केंद्रापड़ा लोकसभा क्षेत्र से अपना प्रत्याशी चुना तो उन्हें हराने के लिए नवीन और बीजेडी ने सब कुछ झोंक दिया.
नतीजा यह हुआ कि जय जिस लोकसभा क्षेत्र का लगातार दो बार प्रतिनिधित्व कर चुके थे, वहीं से वे क़रीब डेढ़ लाख वोट से हार गए और सिने स्टार अनुभव मोहंती वहाँ से सांसद बन गए. लेकिन अब नवीन पटनायक से उनकी जंग खुलकर सामने आ गई है और उनके ऊपर दलितों की जमीन हड़पने के संगीन आरोप लगे हैं.
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