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तेजस्वी यादव: बिहार चुनाव का सबसे बड़ा चेहरा जो सत्ता से चूक गया

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं और अब जिन दलों का प्रदर्शन अच्छा रहा वह जश्न में डूबे हैं और जो उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर सके अपने हार की समीक्षा कर रहे हैं. लेकिन आरजेडी प्रमुख तेजस्वी यादव के लिए स्थितियां थोड़ी अलग है उनके दल ने तो बेहतरीन प्रदर्शन किया लेकिन वह सत्ता से चूक गए.

बिहार विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाला महागठबंधन 12 सीटों से सत्ता तक पहुंचने में चूक गया. महागठबंधन ने 110 सीटें जीती जोकि एनडीए की कुल सीटों से 15 और जादुई आंकड़े से 12 सीटें कम है. लेकिन इन नतीजों में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि तेजस्वी यादव ने लालू यादव के उत्तराधिकारी के तौर पर खुद को स्थापित कर लिया. हां यह बात अलग है कि वह सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बनने से चूक गए. इसके क्या कारण रहे यह अब वह समीक्षा करके पता लगाएंगे लेकिन चिराग पासवान ने उन्हें कितनी मदद की इसका आकलन भी किया जा रहा है.

राघोपुर सीट पर चिराग फैक्टर

राघोपुर में तेजस्वी यादव को 38174 मतों से जीत मिली है. तेजस्वी यादव को कुल 97404 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के सतीश कुमार को 59230 मत मिले. वहीं तीसरे नंबर पर लोक जनशक्ति पार्टी के राकेश रौशन रहे. राकेश रौशन को कुल 24947 वोट मिले. राघोपुर में यादव मतदाता सबसे ज़्यादा सवा लाख के क़रीब हैं. यादवों के बाद राजपूत मतदाताओं की संख्या 40 हज़ार के आसपास है. तेजस्वी यादव के सामने इस बार भी बीजेपी के यादव उम्मीदवार सतीश कुमार थे.

कहा जा रहा था कि तेजस्वी को सतीश कड़ी टक्कर दे सकते हैं लेकिन चिराग पासवान ने राजपूत उम्मीदवार उतार तेजस्वी की जीत बिल्कुल आसान कर दी. राजपूतों का वोट आरजेडी के तुलना में बीजेपी को ज़्यादा मिलता रहा है. ऐसे में राकेश रौशन के आने से बीजेपी का वोट कटा और तेजस्वी की जीत बड़ी हो गई. अगर सतीश कुमार और राकेश रौशन का वोट जोड़ दें तो 84177 हो जाता है. राकेश रौशन उम्मीदवार नहीं होते और उनका वोट सतीश कुमार को मिल जाता तो तेजस्वी महज़ 13227 वोट से ही जीतते.

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