कोरोना काल में बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा हो गई है. लेकिन महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि बिहार चुनावों के लिए कितना तैयार है? निर्वाचन आयोग वोटरों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए बिहार में 243 सीट पर विधानसभा चुनाव कराएगा. मतदान तीन चरणों में 28 अक्टूबर, 3 नवंबर और 7 नवंबर को होंगे.
कोविड-19 को देखते हुए निर्वाचन आयोग तथा राजनीतिक दलों के समक्ष चुनौतियां कम नहीं हैं. बिहार में करीब 7.18 करोड़ मतदाता हैं तो बूथों की संख्या 1.6 लाख है. वाकई इतनी बड़ी संख्या में वोटरों के लिए मतदान केंद्रों पर थर्मल स्क्रीनिंग, मास्क, ग्लव्स व सैनिटाइजर की पर्याप्त व्यवस्था एवं वितरण, सोशल डिस्टेंशिंग तथा मतदाताओं व चुनावकर्मियों से कोरोना प्रोटोकाल का अनुपालन सुनिश्चित करवाना दुरूह कार्य है. कंटेंमेंट जोन में रह रहे कोरोना संक्रमित तथा असंक्रमितों के संबंध में भी गंभीरता से विचार करना होगा.
मतदाता और मतदान कर्मियों को सुरक्षित रखने पर जोर
वैसे कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकना तथा वोटरों व मतदानकर्मियों को संक्रमित होने से बचाने पर आयोग का सबसे ज्यादा जोर है. जुलाई के पहले सप्ताह में ही निर्वाचन आयोग को प्रस्ताव भेजा गया था जिनमें ईवीएम को छुए बिना वोटिंग, पोलिंग अधिकारी के समक्ष शीशे की दीवार व डिस्पोजेबल सीरिंज के जरिए अमिट स्याही डालने, बूथ पर सैनिटाइजर व ग्लव्स की व्यवस्था करने जैसे प्रस्ताव शामिल थे.
कोरोना काल में संक्रमण के खतरे को कम करने के लिहाज से उम्मीदवार और मतदाता, दोनों के लिए विशेष व्यवस्था करने के निर्देश जारी किए गए हैं. इससे पहले सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड को छोड़ लगभग सभी पार्टियों ने कोरोना काल में चुनाव कराने का विरोध करते हुए इसे टालने का अनुरोध किया था. हालांकि बाद में अदालत द्वारा इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार किए जाने के बाद सभी दलों ने तैयारी तेज कर दी. वर्चुअल सभाओं का दौर शुरू हो गया. सभी पार्टियां डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आ गईं. किंतु इन सबसे इतर वोटरों में कोरोना के कारण संशय की स्थिति है. राज्य में संक्रमितों की संख्या में कमी आई है और रिकवरी दर काफी तेजी से बढ़ी है.
पूरी तरह से तैयार है इलेक्शन कमीशन
आयोग ने पूरी सतर्कता के साथ चुनाव कराने की रणनीति बनाई. इसके लिए दिशा-निर्देशों में व्यापक बदलाव किए गए. सतर्कता इस हद तक बरती जा रही कि मतदान केंद्र पर वोटरों को मतदाता रजिस्टर में हस्ताक्षर करने व ईवीएम का बटन दबाने से पहले बूथ के प्रवेश द्वार पर ग्लव्स दिए जाएंगे जो केवल दाहिने हाथ के लिए ही होगा. बाएं हाथ पर अमिट स्याही लगाई जाएगी. जो वोटर दस्तखत नहीं कर सकते उन्हें ईयरबड दिया जाएगा जिससे वे स्याही निकाल कर अपने अंगूठे पर लगाएंगे जिसका निशान मतदाता रजिस्टर पर लिया जाएगा.
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