भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने अपनी सभी इकाइयों को कॉन्ट्रैक्ट कामों पर खर्चों में कटौती करने का निर्देश दिया है, इससे ठेकेदारों के जरिये कंपनी के लिए काम कर रहे 20,000 श्रमिक बेरोजगार हो जाएंगे.
बीएसएनएल की कर्मचारी यूनियन ने दावा किया है कि कंपनी के 30,000 कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को पहले ही बाहर किया जा चुका है. साथ ही ऐसे श्रमिकों का पिछले एक साल से अधिक का भुगतान नहीं किया गया है. यूनियन का कहना है कि सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने अपनी सभी इकाइयों को कॉन्ट्रैक्ट कामों पर खर्चों में कटौती करने का निर्देश दिया है, इससे ठेकेदारों के जरिये कंपनी के लिए काम कर रहे 20,000 श्रमिक बेरोजगार हो जाएंगे.
13 कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स आत्महत्या कर चुके हैं
यूनियन ने कहा कि वीआरएस के बाद भी बीएसएनएल अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दे पा रही है. यूनियन ने कहा कि पिछले 14 महीने से भुगतान नहीं होने की वजह से 13 कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स आत्महत्या कर चुके हैं. BSNL के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पी के पुरवार को लिखी चिट्ठी में यूनियन ने कहा है कि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) के बाद कंपनी की वित्तीय स्थिति और खराब हुई है. विभिन्न शहरों में मैनपावर की कमी की वजह से नेटवर्क में खराबी की मुश्किल बढ़ी है.
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