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पकड़े गए अमेठी के ‘साइलेंट लुटेरे’, ATM क्लोनिंग से डाल रहे थे डाका

अमेठी की एसओजी, साइबर सेल व थाना गौरीगंज पुलिस को एक बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने एटीएम क्लोनिंग कर बैंक खातों से रुपये निकालने वाले 4 अन्तर्राज्यीय साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। जिनके पास से एटीएम क्लोनिंग करने के उपकरण के साथ 13 एटीएम कार्ड, 1 लैपटॉप, 1 एटीएम कार्ड क्लोनिंग मशीन (स्कीमर डिवाइस) के साथ 1 स्विफ्ट कार व 94 हज़ार रुपये बरामद हुए हैं।

पुलिस ने इन अपराधियों को बैंक ऑफ बड़ौदा एटीएम गौरीगंज के पास से गुरुवार करीब 11 बजे दिन में गिरफ्तार किया। गिरफ्तार हुए अभियुक्तों की पहचान लवकुमार उर्फ बृजेश यादव पुत्र कृष्णा यादव, आकाश तिवारी पुत्र मनोनारायण तिवारी, धनंजय कुमार माली पुत्र राम चन्द्र माली, धर्मेन्द्र माली पुत्र लालचन्द प्रसाद माली के रूप में हुई है। अभियुक्तों के खिलाफ गौरीगंज पुलिस ने विधिक कार्यवाही कर जेल भेज दिया है।

मदद के नाम पर करते थे बड़ा खेल

मामले का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक दिनेश सिंह ने बताया कि अभियुक्तों से पूछताछ में पता हुआ कि उनकी टीम द्वारा सर्वप्रथम भीड़-भाड़ वाले एटीएम को चिन्हित किया जाता है। उसके बाद एटीएम कार्ड का प्रयोग करने में अनभिज्ञ व्यक्तियों (महिला, बुजुर्ग, अनपढ़) को शिकार बनाने के लिए उनके आस-पास खड़े होकर मदद करने के बहाने उनका एटीएम कार्ड लेकर बड़ी ही चालाकी से स्कीमर डिवाइस (जो पूर्व से ही हाथ में लिये रहते हैं) में स्कैन कर लेते हैं और उसी समय दूसरा व्यक्ति उस अनभिज्ञ व्यक्ति द्वारा एटीएम का प्रयोग करते समय उपयोग में लाये गये पिनकोड को देखकर स्मरण कर लेता है। इसके बाद उनके द्वारा उस अनभिज्ञ व्यक्ति को एटीएम कार्ड वापस कर चले जाते हैं।

ऐसे होती होती थी एटीएम की क्लोनिंग?

उनके अन्य साथी आसपास कहीं चार पहिया वाहन लेकर मौजूद रहते हैं, जिसमें एटीएम क्लोनिंग करने के तमाम उपकरण उपलब्ध रहते हैं। उनके द्वारा स्कैन किये गये एटीएम कार्ड के डाटा को एटीएम कार्ड राइटिंग मशीन की सहायता से पुराने व चोरी किये गये एटीएम में लैपटॉप की सहायता से प्रयोग कर क्लोन तैयार कर लिया जाता है। एटीएम क्लोनिंग करने के बाद उनके द्वारा अन्य किसी दूसरे एटीएम मशीन से क्लोन किये गये एटीएम व देखे गये पिनकोड की सहायता से रुपयों को खाते से निकाल लिया जाता है।

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रिपोर्ट: कुमैल रिज़वी

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