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राजस्थान: क्या गहलोत से मात खा गई बीजेपी, दलित विधायकों को गुजरात बेचने की नौबत क्यों आई?

राजस्थान विधानसभा का सत्र 14 अगस्त से शुरू होने जा रहा है. बीजेपी को लगता है कि सचिन पायलट के साथ 19 विधायकों के कांग्रेस से अलग होने के कारण सदन में गहलोत सरकार अल्पमत में है जिसकी वजह से सरकार गिर जायेगी. लेकिन ऐसे में उसने अपने दलित विधायकों को गुजरात क्यों भेजा है यह बड़ा सवाल है.

राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा है कि एहतियात के तौर पर कुछ विधायकों को गुजरात ले जाया गया है. कटारिया ने इकोनॉमिक टाइम्स से कहा, ”हमें यह डर नहीं है कि ये विधायक बीजेपी छोड़ देंगे, लेकिन हम कांग्रेस को कोई मौक़ा नहीं देना चाहते हैं.” केवल 19 विधायकों को ही बीजेपी ने गुजरात क्यों भेजा? इस सवाल के जवाब में कटारिया ने कहा, ”विरोधी हमले कर कमज़ोर कड़ी को तोड़ना चाहते हैं. इनमें से ज़्यादातर विधायक अनुसूचित जनजाति से हैं.” बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि उनकी पार्टी के दलित और आदिवासी विधायक कांग्रेस के निशाने पर हैं. लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि बीजेपी में फूट पड़ गई है जिसकी वजह से ऐसा हो रहा है.

क्या गहलोत से मात खा गई बीजेपी?

राजस्थान में कांग्रेस नेता सचिन पायलट के बाग़ी बनने के बाद से प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है, लेकिन विपक्षी बीजेपी को भी डर है कि कहीं उसके विधायक पाला बदल कांग्रेस में ना चले जायें.इसी डर से बीजेपी ने अपने 19 विधायकों को पड़ोसी राज्य गुजरात में रखा है. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उनके विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. वो कमज़ोर तबके से आए विधायकों को लालच देकर अपने पाले में करने की कोशिश कर रहे हैं. इसे देखते हुए बीजेपी के सभी 72 विधायक 11 अगस्त को शाम चार बजे जयपुर के क्राउन प्लाज़ा होटल में जुटेंगे. यहाँ विधायक दल की बैठक होनी है. इस बैठक में राजस्थान लोकतांत्रिक पार्टी के तीन विधायक भी एनडीए के साथी के तौर पर शरीक होंगे.

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