भारत और चीन की बीच जारी गतिरोध के बीच रक्षा मंत्रालय ने पहली बार वो बात मानी है जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंकार करते रहे. रक्षा मंत्रालय ने ये बात मानी है कि चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में घुसपैठ की थी. ये बयान प्रधानमंत्री के उस बयान से एकदम उलट है जिसमें कहा गया था कि ‘ना कोई हमारी सीमा में धुसा है, ना घुसा हुआ है’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जून में सर्वदलीय बैठक के दौरान कहा था कि भारत की सीमा में चीन नहीं घुसा है. उनके इस बयान के बाद विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी. लेकिन सरकार और प्रधानमंत्री अपनी बात पर अडिग रहे. अब एक बार फिर से ये सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या पीएम ने झूठ बोला? ये इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि बीते मंगलवार को रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड किए गए नए दस्तावेज में बताया गया कि बीजिंग पक्ष ने कुगरांग नाला (हॉट स्प्रिंग्स के उत्तर में पैट्रोलिंग पॉइंट-15 के पास) गोगरा (पीपी-17ए) और पैंगोंग त्सो के उत्तरी तट के क्षेत्रों में 17-18 मई को सीमा का उल्लंघन (Transgression) किया. बता दें कि ‘Transgression’ शब्द का इस्तेमाल भारत द्वारा चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ‘घुसपैठ’ के लिए उपयोग किया जाता है.
इतना ही नहीं आधिकारिक दस्ताबेज में ये भी दर्ज है कि 5-6 मई को पैंगोंग त्सो के उत्तरी तट पर विरोधी सैनिकों के बीच पहली झड़प का जिक्र है. हालाकिं 5-6 मई के सैन्य टकराव के बाद से किसी भी आधिकारिक बयान या दस्तावेज में ‘Transgression’ शब्द का उल्लेख नहीं किया गया है. दस्तावेज में कहा गया कि गतिरोध लंबा हो सकता था और उभरते हुए हालात में त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता हो सकती है. मई के आखिर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक टीवी साक्षात्कार में कहा था कि चीनी सैनिकों की एक बड़ी संख्या पहले की तुलना में थोड़ा आगे आ गई थी. मगर आधिकारिक रूप से स्पष्ट किया गया था कि इसकी गलत तरीके से व्याख्या नहीं की जानी चाहिए कि चीनी सैनिकों ने एलएसी के भारतीय क्षेत्र में प्रवेश किया.
आपको बता दें कि 15 जून को गलवान घाटी में भारतीय-चीनी सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष हुआ जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए और चीनी सैनिक भी हताहत हुए. इस हिंसक झड़प के बाद मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि एलएसी के पार संरचनाओं को खड़ा करने की चीन की वजह से झड़पें हुईं. रक्षा मंत्रालय के इस खुलासे के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर से पीएम मोदी पर हमलावर हो गए हैं. उन्होंने ट्वीट करके कहा है कि ‘प्रधानमंत्री झूठ क्यों बोल रहे हैं?’
दस्तावेजों में लिखा है, “15 जून को दोनों पक्षों के बीच एक हिंसक झड़प हुई और दोनों पक्षों के लोग हताहत हुए. चीन द्वारा एकतरफा आक्रामकता से उत्पन्न पूर्वी लद्दाख में स्थिति संवेदनशील बनी हुई है और इसे विकसित होने के आधार पर कड़ी निगरानी और त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता है. वर्तमान गतिरोध की लंबे समय तक बने रहने की संभावना है.” सीमा विवाद को सुलझाने के लिए भारत और चीन के बीच लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों के बीच बीते रविवार को 5वें दौर की मीटिंग हुई थी. यह मीटिंग बेनतीजा रही थी. इतना ही नहीं चीन ने अपनी आक्रामक रूख दिखाते हुए उल्टा भारत को पीछे हटने को कहा था. रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन ने उल्टा भारत से पैंगोंग त्सो से पीछे हटने को कहा डाला. हालांकि भारत, चीन की इस बात को ठुकरा चुका है.
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