पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा को लेकर ताजा विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अचानक लेह पहुंचे. उनके साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे भी थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवानों से कहा, “आपकी इच्छाशक्ति हिमालय की तरह मज़बूत और दृढ़ है, पूरे देश पर आपको गर्व है.” उन्होंने बताया कि सीमावर्ती इलाकों पर इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास पर खर्च बढ़ाकर तीन गुना कर दिया है. 14 कोर की जांबाजी के किस्से हर तरफ़ हैं. दुनिया ने आपका अदम्य साहस देखा है. आपकी शौर्य गाथाएं घर-घर में गूंज रही है. उन्होंने इस दौरान कहा कि गलवान घाटी हमारी है. हालांकि चीन के विदेश मंत्रालय ने 15 जून को गलवान घाटी में हुए हिंसक झड़प के बाद कहा था कि गलवान घाटी चीन के नियंत्रण में है. प्रधानमंत्री ने कहा कि, चीन का नाम लिए बिना कहा कि विस्तारवाद का युग ख़त्म हो चुका है.
भारत और चीन के बीच इस इलाके में मई से जारी तनाव 15 जून को तब चरम पर पहुंच गया था जब दोनों तरफ के सैनिकों के बीच गलवान घाटी इलाके में हिंसक टकराव हो गया था. इस दौरान 20 भारतीय सैनिकों की मौत हो गई थी. इसके बाद से दोनों पक्षों के बीच बातचीत जारी है. भारत चाहता है कि चीनी सैनिक पैंगॉन्ग झील के किनारे और गलवान घाटी के जिन इलाकों में घुस आए हैं वहां से वे पीछे हट जाएं. हालांकि चीन बार-बार इन इलाकों को अपना बता रहा है.
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