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कानपुर एनकाउंटर की इनसाइड स्टोरी, कहां चूक गई पुलिस?

दिन गुरुवार, तारीख 2 जुलाई, वक्त करीब आधी रात का, जगह कानपुर का चौबेपुर इलाका. हिस्ट्रीशीटर अपराधी विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू हो गई. विकास दुबे घटना को अंजाम देने के लिए पहले से ही तैयार था. पुलिस को इस बात का अंदाजा कतई नहीं था. दिकरू गांव में हाथी पर इस तरह से गोलियां बरसाई जाएंगी.

कानपुर में देर रात कुछ अपराधियों को पकड़ने गई पुलिस टीम पर हुई ताबड़तोड़ फायरिंग में एक डीएसपी समेत आठ पुलिसकर्मी मारे गए हैं. पुलिस अधिकारियों के अनुसार कई पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं. पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी ने बताया,

“कानपुर के एक शातिर अपराधी और हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के यहां दबिश डालने के लिए पुलिस चौबेपुर थाना क्षेत्र के दिकरू गांव गई थी. पुलिस को रोकने के लिए इन्होंने पहले से ही जेसीबी लगाकर रास्ता रोक रखा था.”

आपको बता दें मुठभेड़ में कम से कम छह पुलिस कर्मी घायल भी हुए हैं जिन्हें कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. एक पुलिसकर्मी की हालत काफ़ी गंभीर बताई जा रही है.

“पुलिस दल के पहुंचते ही बदमाशों ने छतों से फ़ायरिंग शुरू कर दी, जिसमें पुलिस के 8 लोग शहीद हो गए. इसमें एक डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्र, तीन सब इंस्पेक्टर और चार कॉन्स्टेबल हैं. घटनास्थल पर एडीजी क़ानून व्यवस्था पहुँच रहे हैं. एसएसपी और आईजी मौक़े पर हैं. कानपुर की फ़ोरेंसिक टीम जाँच कर रही है. एसटीएफ़ भी लगा दी गई है.”

घटना की सूचना मिलते ही कानपुर परिक्षेत्र के अपर पुलिस महानिदेशक जयनारायण सिंह, पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी समेत कई पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए और पुलिस बल ने गांव को चारों ओर से घेर लिया.

कौन है विकास दुबे?

विकास दुबे पर 60 मुक़दमे दर्ज हैं और पिछले दिनों कानपुर के राहुल तिवारी नाम के व्यक्ति ने उन पर 307 का एक मुकदमा दर्ज कराया था. उसी सिलसिले में पुलिस विकास दुबे को पकड़ने के लिए उनके गांव दिकरू गई थी जहां पुलिस टीम के साथ उनकी मुठभेड़ हुई. विकास दुबे पर साल 2003 में श्रम संविदा बोर्ड के चेयरमैन संतोष शुक्ला की हत्या का भी आरोप लगा था लेकिन इस मामले में वह अदालत से बरी हो गए थे.

कानपुर के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने बीबीसी को बताया कि हिस्ट्रीशीटर अपराधी विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर गुरुवार आधी रात के बाद बदमाशों ने हमला कर दिया. “घरों की छत से पुलिस पर गोलियां बरसाई गईं. आत्मरक्षा में पुलिस ने भी गोलियां चलाईं. गोलीबारी में सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्र आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई.” यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को इस घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

जो पुलिसकर्मी हुए शहीद


1-देवेंद्र कुमार मिश्र,सीओ बिल्हौर
2-महेश यादव,एसओ शिवराजपुर
3-अनूप कुमार,चौकी इंचार्ज मंधना
4-नेबूलाल, सब इंस्पेक्टर शिवराजपुर
5-सुल्तान सिंह कांस्टेबल थाना चौबेपुर
6-राहुल ,कांस्टेबल बिठूर
7-जितेंद्र,कांस्टेबल बिठूर
8-बबलू कांस्टेबल

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