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पीएम मोदी ने जिस अस्पताल का किया था लोकार्पण उसके रास्ते पर किसान ने लगा दी झांकर, कहा- ‘अब दिखाओ आगे जाकर’

‘अब ये बताओ जब उस अस्पताल के लिए रास्ता नहीं है जिसका लोकार्पण प्रधानमंत्री ने किया है. तो फिर तो राम ही बचाए. खेतों में होकर अस्पताल पहुंचने का रास्ता था. बारिश हुई तो खेत वाले ने रास्ता बंद कर दिया. झांड़ लगा दिया. साहब अब आप उड़ कर जाइए अस्पताल’

अमेठी में 3 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दाखिनवारा प्राथमिक केंद्र का लोकार्पण किया था. जब आप इस अस्तपाल में जाएंगे तो आपको लोग यही सब बातें बताएंगे. सरकार बदलने के बाद भी सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था में सुधार आता नहीं दिख रहा है. कहीं अस्पताल अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है तो कहीं वहाँ तक पहुंचने के लिए रास्ते मातहतों की पोल खोल रहे हैं. गरीबों को सस्ता और सुलभी स्वास्थ्य सुविधा का दावा करने वाली सरकारों के लिये यह तस्वीरें काफी कुछ बयां कर रही है.

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वीआईपी अमेठी का बदहाल अस्पताल

ऐसा ही कुछ नज़ारा उत्तर प्रदेश के अमेठी में देखने को मिला. वीआईपी क्षेत्र कहे जाने वाले अमेठी में 3 मार्च को अमेठी दौरे पर आए प्रधानमंत्री ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दखिनवारा का लोकार्पण किया था. भवन बना भी, संचालन भी हो रहा, लेकिन आज तक अस्पताल आने-जाने के लिए रास्ता नहीं बन पाया है. बरसात में कीचड़ व मेड़ के रास्ते मरीज अस्पताल तक पहुंचते हैं. जिस रास्ते से लोगों का आवागमन था उसे किसानों ने बंद कर दिया. किसानों का आरोप है कि अस्पताल के लिए जो रास्ता गया है वो हमारे खेत से होकर जाता है. अब सवाल ये उठता है कि बिना रास्ता बनाए स्वास्थ केन्द्र का निर्माण कैसे हो गया?

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जब खेत हमारा है तो रास्ता सरकार का कैसे?

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प्रधानमंत्री के लोकार्पण के बाद अमेठी सांसद के प्रतिनिधि और जगदीशपुर विधानसभा से विधायक वा प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री सुरेश पासी का यहां कई कार्यक्रम हो चुका है. यहां तक कि लोगों ने हर कार्यक्रम में सुना कि राज्यमंत्री सुरेश पासी इस स्वास्थ केन्द्र को बनवाने के लिए कई बार अपनी पीठ थपथपा चुके हैं. लेकिन सच्चाई यही है कि यहां जाने के लिए रास्ता नहीं होने के कारण मरीज बिना दवा कराए ही लौट रहे हैं.

दिलचस्प बात यह है कि स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदार मुख्य चिकित्सा अधिकारी भी अपने बयान में गुमराह करते नजर आए. उनका कहना था कि रास्ता खुला है. जिस किसान ने रास्ते को बंद किया था उसको समझा दिया गया है.

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रिपोर्ट : कुमैल रिज़वी

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