कंकड़ा कृत सूर्य गृहण (solar eclipse) मृगसिरा नक्षत्र और मिथुन राशि पर होगा. ये कर्क लग्न शुरू होकर सूर्य, राहू, चन्द्र, बुध की मिथुन राशि में युति और केतु के प्रतियोग के सह ग्रहों के वक्री होने की वजह से हालत बहुत बेहतर नहीं होने वाले. ज़रूरी ये है कि सूतक के समय में विशेष ख्याल रखें.
श्री लोकमंगल अनुसंधान संस्थान बांदा के निदेशक ज्योतिषाचार्य आचार्य राजेश जी महाराज का शोध कह रहा है कि ये सूर्य ग्रहण (solar eclipse)हमारे सामने और ज़्यादा मुश्किलें खड़ी करेगा. वैश्विक अशांति, राजनैतिक अस्थिरता, प्राकृतिक आपदा, अग्निकांड, विस्फोट और बाढ़ भूकंप आंधी तूफान की आशंका बन रही है.
सूर्य ग्रहण(solar eclipse) भारत(India) के अलावा अफगानिस्तान, चीन, बांग्लादेश, म्यांमार, जापान, रूस, इजराइल, मध्य अफ्रिका, सीरिया और इटली में देखा जाएगा. अगर भारत की बात करें तो यहां मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात और बिहार में इसका ज्यादा असर देखा जाएगा. उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) में अयोध्या, प्रयागराज, कौशांबी, आगरा, विंध्याचल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कुछ इलाकों में सूर्य ग्रहण (solar eclipse) के साथ मुश्किल समय की शुरुआत हो सकती है.
सूर्य ग्रहण का सूतक काल
20 जून 2020, दिन शनिवार और समय रात के 10:20 से सूर्य ग्रहण का सूतक काल शुरू हो गया है. सूतक काल(sutak kal) में बच्चों, बुजुर्गों, रोगियों और अशक्त जनों को छोड़कर सभी को भोजन और शयन में विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है. यहां आपको यह भी जान लेना चाहिए सूर्य ग्रहण (solar eclipse) के चलते रात में मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाएंगे और 21 जून को यानी रविवार के दिन भगवान के दर्शन नहीं होंगे. सूर्य ग्रहण (solar eclipse) मेष और सिंह राशि वालों के लिए बेहद फायदेमंद है. कन्या और मकर राशि वालों को भी इस ग्रहण का फायदा होगा. मिथुन, कर्क और तुला राशि वालों को सूर्य ग्रहण से नुकसान हो सकता है. वहीं अगर बात करें कुंभ, वृश्चिक, धनु और मीन राशि वालों की तो इन राशियों के जातकों के लिए सूर्य ग्रहण अशुभ रहने वाला है.
सूर्य ग्रहण में क्या करें क्या ना करें?
सूर्य ग्रहण के सूतक काल में आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए यह जानने की जरूरत है. तो सबसे पहले तो आप यह समझने हैं की ग्रहण की शुरुआत से पहले आपको स्नान करना चाहिए और उसके बाद हवन पूजन करना चाहिए. ग्रहण के खत्म होने के बाद आपको एक बार फिर से स्नान करना चाहिए और साफ-सुथरे कपड़े पहनने चाहिए. जिस समय ग्रहण चल रहा हो उस समय अपने आराध्य को याद करते हुए ईश्वर सुमिरन करें. मिथ्या और आलस्य से बचें. सूर्य मंत्र, गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें. अगर आपका कोई गुरु है तो उनके बताए मंत्रों का भी आप जाप कर सकते हैं.
गर्भवती महिलाएं विशेष एहतियात बरतें
सूर्य ग्रहण में गर्भवती महिलाओं को विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है. गर्भवती महिलाएं अपने पल्लू में गेरू बांध कर रखें. और उधर में गाय के गोबर का लेपन भी कर सकती हैं. जिससे ग्रहण के प्रभाव में कमी आएगी.
ज्योतिषाचार्य आचार्य राजेश जी महाराज बताते हैं कि ग्रहण के दौरान चाकू छुरी से सब्जी या फल कतई ना काटें . ग्रहण काल में भोजन ना करें, किसी की निंदा करने से बचें और कोशिश करें कि ज्यादा से ज्यादा ईश्वर में मन लगाएं. सूर्य ग्रहण इस बार मुश्किलों भरा हो सकता है. ज्योतिषाचार्य आचार्य राजेश जी महाराज कहते हैं कि सूर्यग्रहण के दौरान दिन में अंधेरा छा जाएगा और तारे दिखाई देने लगेंगे. फिल्म जगत, राजनीतिक हस्तियां और महामारी से पीड़ित लोगों के लिए यह ग्रहण परेशानियां खड़ी कर सकता है.
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