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औरैया हादसे से पहले क्या हुआ, मजदूरों की आपबीती

औरैया में हुई सड़क दुर्घटना में 24 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई. कई विपक्षी नेताओं ने इस हादसे के बाद सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं. और सरकार में कुछ पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक्शन लेकर अपनी मंशा साफ होने के संकेत देने की कोशिश की है.

“हम 35 लोग इस ट्रक में बैठे थे और सभी लोग बोकारो जा रहे थे. इसके अलावा भी कई और लोग बैठे थे. हम लोग राजस्थान में मार्बल का काम करते हैं. कोई साधन नहीं मिला और काम भी बंद था तो इस ट्रक से जाने का इंतज़ाम किसी तरह से हो गया.”

औरैया सड़क हादसे में मारे गए मजदूरों में से एक जिंदा बचे मजदूर की यह कहते कहते आंखें भर गई. वो कहते हैं “हम लोग सो रहे थे. अचानक ऐसा लगा जैसे भीषण भूकंप आ गया हो. रात थी इसलिए कुछ समझ में ही नहीं आया कि क्या हुआ? जब तक कुछ समझते, लोगों के चीखने-चिल्लाने की आवाज़ें सुनाई पड़ने लगीं. मैं ख़ुद ज़मीन पर गिरा हुआ था. काफ़ी देर वहीं पड़े रहे. बाद में गांव के लोग आए तो हम लोगों को उन्होंने निकालना शुरू किया.”

बताया जा रहा है कि ट्रक और डीसीएम से हुई दुर्घटना से ज़्यादा मौतें चूने की बोरियों के फट जाने और उनसे निकली गैसों की वजह से हुईं. हादसे के वक़्त डीसीएम का ड्राइवर सड़क के किनारे स्थित एक ढाबे पर चाय पी रहा था. डीसीएम पर भी क़रीब बीस लोग सवार थे जिनमें कुछ महिलाएं भी शामिल थीं.

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क़रीब साढ़े सात बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर मंडल के आयुक्त और कानपुर ज़ोन के पुलिस महानिरीक्षक को तत्काल घटना स्थल पर पहुंचने और राहत कार्य तेज़ करने और घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने दोनों अधिकारियों से घटना की रिपोर्ट भी तलब की है.

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