वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये एक प्रेस वार्ता में राहुल गांधी ने कहा कि इस समय लॉकडाउन से सबसे बुरी तरह प्रभावित लोगों के खाते में सीधे पैसे भेजने की जरूरत है. केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ रु का जो राहत पैकेज घोषित किया है, वह कर्जों का पैकेज है जिससे मजदूरों और किसानों को फौरी राहत नहीं मिलने वाली.
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प्रेस कॉन्फ़्रेंस की मुख्य बातें –
- तूफ़ान आया नहीं है, आने वाला है, ज़बरदस्त आर्थिक नुक़सान होने वाला है. इसमें सबको चोट लगेगी.
- केंद्र के आर्थिक पैकेज में कर्ज़ की बात है मगर इससे माँग नहीं शुरू होने वाली है, अगर हमने पैसा नहीं दिया और माँग तेज़ नहीं हुई तो बहुत बड़ा आर्थिक नुक़सान देश को होने जा रहा है, वो कोरोना से भी बड़ा नुक़सान होगा. पैसा जब तक जनता की ज़ेब तक नहीं जाएगा, तब तक समस्या दूर नहीं होगी. प्राथमिकता होनी चाहिए कि ये ज़रूरी है कि पैसा सीधे ग़रीबों की जेब तक पहुँचे. इस पैकेज की दोबारा समीक्षा होनी चाहिए.
- अभी की स्थिति ऐसी है कि जिसमें डिमांड-सप्लाई दोनों बंद है. सप्लाई शुरू कर सकते हैं पर मांग का शुरू नहीं होना ज़्यादा ख़तरनाक है. इसके लिए लोगों की जेबों में पैसा देना होगा. ऐेसे समझें कि इंजिन चलाने के लिए तेल डालना ज़रूरी है, अगर तेल ही नहीं होगा तो इंजिन चालू नहीं होगा.
- आर्थिक पैकेज की घोषणा के बाद भी लोगों के चेहरे पर बेचैनी है, तसल्ली नहीं है, इसकी वजह ये है कि ये क्रेडिट पैकेज है, पैसा नहीं दिया गया, पैसा मिलेगा मगर कर्ज़ की शक्ल में मिलेगा. जबकि ज़रूरत है कि पैसा अभी दिया जाए.
- ये दोषारोपण का समय नहीं है, समस्या बहुत बड़ी है,मैं दोष मढ़ना नहीं चाहता, बीजेपी सरकार में है, तो औज़ार उनके पास ज़्यादा हैं, तो उनकी ज़िम्मेदारी ज़्यादा है. जो लोग रास्तों पर चल रहे हैं, उनकी मदद करना हम सबकी ज़िम्मेदारी है. ये बहुत ज़रूरी है कि हम उनको पैसा दें, उनका हाथ थामें.
- लॉकडाउन हटाना है मगर बहुत होशियारी और समझदारी से हटाना है, ये ऐसा नहीं है कि कोई आयोजन है, ये एक जटिल प्रक्रिया है, हम बुज़़ुर्ग लोगों की क़ुर्बानी नहीं दे सकते, जो दिल के मरीज़ हैं, किडनी के मरीज़ हैं, फेफड़ों के मरीज़ हैंं, हम उनकी क़ुर्बानी नहीं दे सकते. अगर हमने बिना सोचे-समझे लॉकडाउन हटा लिया तो ज़बरदस्त नुक़सान होगा.
मोदी सरकार ने कोरोना वायरस संकट के चलते मुश्किलों से जूझती अर्थव्यवस्था के लिए 20 लाख करोड़ रु का आर्थिक पैकेज घोषित किया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बीते दिन दिनों में तीन प्रेस वार्ताओं के जरिये इसके अहम बिंदुओं का ऐलान कर चुकी हैं.