ये मान लीजिए कि लॉक डाउन ने सर्विस सेक्टर को बर्बाद कर दिया है. देशभर में लागू लॉकडाउन के चलते सर्विस सेक्टर को तगड़ा झटका लगा है. देश के सेवा क्षेत्र की गतिविधियां अप्रैल में रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गई.
एक मासिक सर्वेक्षण के अनुसार देशव्यापी लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान नागरिकों की आवाजाही पर कड़े प्रतिबंध और कारोबारों के बंद रहने का असर सेवा क्षेत्र पर भी पड़ा और क्षेत्र की गतिविधियां लगभग रुकी रहीं. ‘आईएचएस मार्किट इंडिया सर्विसेस बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स’ (PMI-Services) अप्रैल में 5.4 अंक पर रहा. यह मार्च के 49.3 अंक के मुकाबले ऐतिहासिक निचला स्तर है. यह दिसंबर 2005 में सर्वेक्षण की शुरुआत के बाद पहली बार सेवा क्षेत्र के सबसे बुरे दौर का संकेतक भी है. पीएमआई का 50 अंक से ऊपर होना गतिविधियों में विस्तार जबकि 50 अंक से नीचे रहना उनमें गिरावट को दिखाता है.
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कंपोजिट PMI में सबसे बड़ी गिरावट
‘कंपोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स’ अप्रैल में गिरकर 7.2 अंक पर आ गया जो मार्च में 50.6 अंक पर था. यह सर्वेक्षण के इतिहास में आर्थिक गतिविधियों में सबसे बड़ी गिरावट को दर्शाता है. ‘कंपोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स’ को पीएमआई-सर्विस और पीएमआई-मैन्युफैक्चरिंग को मिलाकर तैयार किया जाता है. पुराने आंकड़ों से तुलना करने पर अप्रैल में देश की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर में सालाना आधार पर 15 फीसदी की गिरावट हुई है.
रोजगार के मसले पर सर्वेक्षण में कहा गया है कि कारोबारी जरूरतें घटने पर कुछ सर्विस सेक्टर की कंपनियों ने वर्ष की दूसरी तिमाही से छंटनी शुरू कर दी है. देश में 25 मार्च से लॉकडाउन है. दो बार इसकी अवधि बढ़ायी गयी और वर्तमान में इसका तीसरा चरण 17 मई को खत्म होगा. विशेषज्ञों के अनुसार देशव्यापी लॉकडाउन के चलते मांग में कमी रही. इससे कारोबार और उत्पादन ठप रहे और कारोबारी गतिविधियों में गिरावट दर्ज की गई. IHS मार्किट से जुड़े अर्थशास्त्री जो हाएस ने कहा कि पीएमआई के मुख्य सूचकांक ‘कंपोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स’ में भी 40 अंक से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है. यह दिखाता है कि लॉकडाउन की वजह से आर्थिक गतिविधियां लगभग रुकी हैं.