नियमों के मुताबिक, अगर कोई बैंक डूब जाता है तो उस बैंक में अब ग्राहकों की 5 लाख रुपये तक की जमा सिक्योर्ड है.
अभी हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मुंबई स्थित CKP सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है. केन्द्रीय बैंक के इस कदम का मतलब है कि सीकेपी सहकारी बैंक डिपॉजिट स्वीकारने समेत कोई भी बैंकिंग बिजनेस नहीं कर पाएगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक, CKP सहकारी बैंक के 1.25 लाख खाताधारक हैं. RBI के फैसले से बैंक के ग्राहक टेंशन में आ गए हैं. RBI ने कहा है कि लाइसेंस और लिक्विडेशन प्रोसिडिंग्स कैंसिल होने से CKP सहकारी बैंक लिमिटेड के जमाकर्ताओं को भुगतान की प्रक्रिया DICGC Act 1961 के अनुरूप अमल में लाई जाएगी. लेकिन जिन लोगों का इस बैंक में खाता है उनका कितना नुकसान होगा?
नियमों के हिसाब से CKP सहकारी बैंक के जमाकर्ताओं को उनकी 5 लाख रुपये तक की जमा वापस मिल जाएगी. अगर किसी की इससे ज्यादा रकम जमा है तो 5 लाख को छोड़कर बाकी की जमा राशि डूब जाएगी. रिजर्व बैंक के मुताबिक, सिंगल और ज्वॉइंट अकाउंट को अलग-अलग यूनिट माना जाता है. मान लीजिए बैंक A में आपका एक अकाउंट केवल आपके नाम पर और दूसरा अकाउंट आपके और आपके जीवन साथी दोनों के नाम संयुक्त रूप से है. इस स्थिति में अगर बैंक फेल होता है तो DICGC के बीमा के हिसाब से आपको दो अकाउंट का मुआवजा मिलेगा. यानी सिंगल और ज्वॉइंट दोनों अकाउंट में 5-5 लाख रुपये तक की रकम सुरक्षित है.
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अगर माइनर का है अकाउंट
SBI के पूर्व CGM सुनील पंत के मुताबिक, अगर किसी बैंक में किसी माइनर यानी 18 साल से कम उम्र के बच्चे का अकाउंट है और उसे कोई वयस्क कानूनी अभिभावक के तौर पर ऑपरेट कर रहा है तो ऐसे में माइनर अकाउंट को अलग अकाउंट माना जाएगा. उसमें अलग से 5 लाख रुपये तक की जमा सुरक्षित रहेगी. हालांकि अगर एक ही बैंक में माइनर के नाम पर एक से ज्यादा खाते हैं तो सभी खातों को मिलाकर 5 लाख रुपये वाली लिमिट लागू होगी.
डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के फायदे
भारतीय रिजर्व बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी है. RBI के निर्देश के मुताबिक सभी कमर्शियल और को ऑपरेटिव बैंक का DICGC से बीमा होता है, जिसके तहत जमाकर्ताओं की बैंक जमा पर डिपॉजिट इंश्योरेंस कवरेज रहता है. इसके दायरे में सभी छोटे और बड़े कमर्शियल बैंक, कोऑपरेटिव बैंक कवर्ड हैं, फिर चाहे उनकी ब्रांच भारत में हो या विदेश में.
किस तरह के डिपॉजिट होते हैं कवर
- DICGC द्वारा बैंक में हर तरह की जमा मसलन सेविंग्स, फिक्स्ड, करंट, रेकरिंग या अन्य को इंश्योर किया जाता है.
- विदेशी सरकार द्वारा जमा
- केंद्र/राज्य सरकार का डिपॉजिट
- इंटर बैंक डिपॉजिट
- राज्य के भूमि विकास बैंक की जमा
- भारत से बाहर की कोई डिपॉजिट
- रिजर्व बैंक की मंजूरी से छूट प्राप्त कोई डिपॉजिट
DICGC बैंकों को इंश्योर्ड बैंक के रूप में पंजीकृत करते हुए, उन्हें प्रिंटेड लीफलेट्स के साथ फर्निश्ड करता है, जिससे यह जानकारी मिलती है कि यह बैंक DICGC द्वारा इंश्योर्ड है.