बहराइच : वॉर के मूड में ‘कोरोना वॉरियर्स’, वायरस से जंग के बीच वेतन बढ़ाने की मांग
बहराइच में स्वास्थ्यकर्मियों का सब्र आखिरकार जवाब दे गया. कोरोना वारियर्स का तमगा मिलने के बाद भी इन कर्मियों आ आक्रोश सिस्टम और सरकार के ऊपर फूट पड़ा.
बहराइच में लॉक डाउन के बावजूद स्वास्थ कर्मियों के धरना प्रदर्शन में सोशल डिस्टनसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं. ये कर्मी अपने वेतन बढ़ाने की मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. इन लोगों का कहना है कि कोरोना वारियर्स कहने से कुछ नहीं होगा वेतन बढ़ाइए. इसके आलावा इन लोगों की और भी कई शिकायतें हैं.
अपनी मांगों को लेकर स्वास्थय कर्मियों ने सीएमएस के कमरे के बाहर बैठकर धरना प्रदर्शन किया और अस्पताल परिसर के अंदर एकत्रित होकर कर्मचारी एकता के नारे लगाए. इन सबके बीच में एक बात जो देखने को मिली वह चौंकाने वाली थी. संपूर्ण भारतवर्ष में लॉक डाउन लगा हुआ है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार लोगों के समक्ष आकर लोगों से सोशल डिस्टेंस बनाने की अपील कर रहे हैं तो वही कुछ लोग इसमें पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं.
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बहराइच मेडिकल कॉलेज में सैकड़ों की संख्या में एकत्रित स्वास्थ्य कर्मी धरना दे रहे थे और वेतन बढ़ाने की मांग कर रहे थे. स्वास्थ्य कर्मियों के समक्ष सीएमएस उन्हें समझाने की कोशिश भी की लेकिन कोई खास फायदा नहीं हुआ. जब बाद में उन्होंने इन्हे वेतन बढ़ाने का आश्वासन दिया तब जाकर धरना समाप्त हुआ. इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि उनको यह बता कर रखा गया था कि उनको ₹7200 प्रतिमाह तनख्वाह मिलेगी जबकि उन्हें ₹5000 दिए जा रहे हैं. जब इस संबंध में सीएमएस डीके सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि 72 सौ रुपया उनकी तनख्वाह है जिसमें से ₹2000 पीएफ कटता है.
लापरवाही भारी पड़ सकती है
ये याद रखने की ज़रूरत है कि इस महामारी का केंद्र बीते कुछ समय में बदल चुका है. शुरुआत में ये चीन था. इसके बाद ये दक्षिणी यूरोप पहुंचा और अब ये अमरीका बन चुका है.
लेकिन किस देश में कोरोना वायरस की वजह से सबसे ज़्यादा मौतें हुई हैं.
ये एक जटिल सवाल है क्योंकि हर देश अपने यहां मौतों की संख्या अलग ढंग से गिनता है.
उदाहरण के लिए बेल्जियम में आधे से ज़्यादा मौतें वृद्धाश्रमों में हुई हैं और ये ज़्यादातर संदिग्ध मामलों पर आधारित हैं. ऐसे में इस तरह बेल्जियम के आँकड़े दूसरे देशों की अपेक्षा ज़्यादा ख़राब लगते हैं.
क्योंकि ऐसे देश कोरोना वायरस से मरने वालों की कुल संख्या में उन्हें शामिल नहीं करते जो कि संदिग्ध लोगों में शामिल होते हैं.
बीते बुधवार को ब्रितानी सरकार ने कोविड 19 से मरने वालों की संख्या जारी की है.
इस संख्या में उन लोगों को भी शामिल किया गया है जिनकी मौत केयर होम आदि में हुई है.
लेकिन इस नई संख्या के लिहाज़ से ब्रिटेन अमरीका और इटली के बाद तीसरा मुल्क बन गया है जहां पर सबसे ज़्यादा मौतें हो रही हैं.
जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के डेटा के अनुसार, इन देशों में सबसे ज़्यादा मौतें हुई हैं.
- अमरीका – अब तक लगभग 61,000 की मौत
- इटली – अब तक लगभग27,682 की मौत
- ब्रिटेन – अब तक लगभग26,166 की मौत (ब्रितानी सरकार का आधिकारिक आंकड़ा 26,097 है)
- स्पेन – अब तक लगभग 24,275 मौत
- फ्रांस- अब तक लगभग24,121 मौत
- बेल्जियम – अब तक लगभग7,501 की मौत
- जर्मनी – अब तक लगभग6,467 की मौत
- ईरान – अब तक लगभग5,957 की मौत
- नीदरलैंड – अब तक लगभग4,727 की मौत
- चीन – अब तक लगभग 4,637 की मौत