विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि कोरोना के कहर के अति होनी बाकी है. अभी ये वायरस दुनिया को और बुरे दिन दिखाएगा. वहीं भारत में राष्ट्रपति भवन के एक सफाई कर्मचारी में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है जिसके बाद परिसर में तैनात 100 लोगों को क्वारंटाइन किया गया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 18,000 से पार हो गई है. वहीं राष्ट्रपति भवन में कोरोा की दस्तक ने सनसनी फैला दी है. कोरोना वायरस ने राष्ट्रपति भवन में भी सेंध लगा दी है. सूत्रों के हवाले से चल रही खबर में बताया जा रहा है कि परिसर में तैनात एक सफाई कर्मचारी में इस वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है. इसके बाद राष्ट्रपति भवन में अपनी सेवाएं दे रहे करीब 100 लोगों को सबसे अलग-थलग यानी क्वारंटाइन कर दिया गया है. सचिव स्तर के अधिकारियों और उनके परिवारों को घर में क्वारंटाइन किया गया है तो बाकी कर्मचारियों को मध्य दिल्ली के एक क्वारंटाइन सेंटर में भेजा गया है.
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वहीं अगर पूरी दुनिया की बात करें तो मंगलवार की सुबह तक कोरोना वायरस से 24 लाख 72 हज़ार लोग संक्रमित हुए हैं, जबकि मरने वालों की संख्या एक लाख 69 हज़ार से ज़्यादा हो चुकी है. कई देशों ने एक सुर में कहा है कि ज़्यादा से ज़्यादा देश अब इस बात को लेकर एकमत हैं कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सार्वजनिक जगहों पर मुंह ढंक कर रहना सबसे बेहतर उपाय है. उनके अनुसार मुंह ढंकने का संबंध सिर्फ़ आपकी सुरक्षा से नहीं बल्कि दूसरों की सुरक्षा से भी है. ऐसा कर आप वायरस के संक्रमण के ख़तरे को कम करते हैं.
अमरीका में विशेषज्ञ अब इस बात की ओर इशारा करते हैं कि इस बात के वैज्ञानिक प्रमाण मिलने लगे हैं कि लोग वायरस को फैला सकते हैं बावजूद इसके कि उनमें वायरस का कोई लक्षण नहीं दिखे. जिसे विज्ञान की भाषा में एसिम्पटोमैटिक ट्रांसमिशन या बिना लक्षण वाला संक्रमण कहा जाता है. इसीलिए अमरीका में अब सार्वजनिक जगहों पर सभी के लिए मास्क पहनना या किसी भी तरह अपने मुंह को ढंकना आधिकारिक नीति का हिस्सा है. कोरोना वायरस को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक और अहम बात कही है. उसके मुताबिक लॉकडाउन कोरोना से निपटने का बहुत कारगर तरीका नहीं है.