कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में अगली कतार के योद्धा यानी डॉक्टर त्रस्त हैं. इस वक्त देश में लगभग 50 डॉक्टर ऐेसे हैं जिन्होंने कोरोना वायरस ने संक्रमित किया है. कोविड-19 को खत्म करने की जंग में डॉक्टर सुरक्षा उपकरणों की कमी से जूझ रहे हैं.
देश इस वक्त मूसीबत से गुजर रहा है. कोरोना वायरस नाम की महामारी ने पूरे तंत्र को हिला कर रख दिया है. ऐसे में जो सबसे ज्यादा परेशान हैं वो हैं डॉक्टर. हम कोरोना से बचने के लिए घरों में बैठे हैं. सुरक्षा के लिए मास्क और ग्ल्वस पहन रहे हैं. लेकिन भारत में सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले हजारों डॉक्टर बिना सुरक्षा उपकरणों से कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे हैं. भारत का स्वास्थ्य महकमा इस वक्त PPE की कमी से जूझ रहा है. और ये चिंता का विषय है क्योंकि कोरोना से लड़ाई में अभी तक 50 डॉक्टर ने संक्रमित किया है.
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को ये बताने से इंकार कर दिया कि कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों का इलाज करते हुए कितने मेेडिकल स्टॉफ को इसका संक्रमण हुआ है. मंंत्रालय ने कोई आकंड़ा तो नहीं दिया लेकिन इतना जरूर बताया कि बहुत कम ऐसा मेेडिकल स्टॉफ है. लेकिन कुछ डॉक्टरों ने ऐसे मेडिकल स्टॉफ के आंकड़े जुटाने का काम किया है. टेलीग्राफ में छपी खबर के मुताबिक ऐसे करीब 50 डॉक्टर हैं जिन्हें उपकरणों के अभाव में कोरोना का संक्रमण हुआ है.
टेलीग्राफ की खबर के मुताबिक एम्स, नई दिल्ली में रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के महासचिव श्रीनिवास राजकुमार ने कहा है कि एम्स और देश भर में कोरोनोवायरस ड्यूटी पर डॉक्टरों को “अपर्याप्त और अपर्याप्त” निजी सुरक्षा उपकरणों के साथ काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है. डॉक्टर राजकुमार ने पीएम मोदी के लिए ये वीडियो पोस्ट भी किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि डॉक्टर अपने परिवारों से मिलने से डरते हैं. वो काम करना जारी रखेंगे लेकिन अपने परिवार के लिए चिंतित हैं.
ऐसा नहीं है कि मास्क और अन्य सुरक्षा उपकरणों की कमी सिर्फ भारत में ही है. अमेरिका और इटली जैसे देश भी इसकी कमी से जूझ रहे हैं. इटली में भी कई मेडिकल स्टॉफ को कोरोना ने घेर लिया है. वहां बताया जा रहा है कि 29 मार्च तक 7 हजार मेडिकल स्टॉफ कोरोना संक्रमित हो चुका है. इसलिए भारत में भी ये भयानक चिंता का विषय है कि मेडिकल स्टॉफ को भी सुरक्षा उपकरण मुहैया कराएं जाएं क्योंकि अगर डॉक्टर ही संक्रमित हो जाएगा तो वो ड्यूटी के दौरान कई लोगों को संक्रमित कर सकता है.